अल्मोड़ा: उत्तराखंड से एक बुरी खबर सामने आ रही है। अल्मोड़ा के जिला महिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ दीपक गर्ब्याल कोरोना के खिलाफ जिंदगी की जंग हार गए हैं और उनका निधन हो गया है। जी हां, कोरोना की शुरुआत से ही वे लगातार जी-जान से ड्यूटी कर रहे थे मगर वे खुद इस वायरस की चपेट में आ गए और उन्होंने बीते गुरुवार को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। दीपक गर्ब्याल बीते 3 वर्षों से अल्मोड़ा जिले के महिला जिला अस्पताल में प्रभारी सीएमएस के पद पर तैनात थे। कोरोना की चपेट में आने के बाद वे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती हो गए थे जहां पर उन्होंने कल आखिरी सांस ली। उनकी मौत की खबर सुनकर अल्मोड़ा जिला और महिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी एवं सभी कर्मचारियों के बीच में शोक की लहर छा गई है। आपको बता दें कि डॉ दीपक गर्ब्याल मूल रूप से धारचूला के निवासी थे और बीते 3 सालों से वे अल्मोड़ा के जिला महिला अस्पताल में सीएमएस के तौर पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे।
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बीते 17 अप्रैल को उन्होंने धारचूला में अपनी बेटी की शादी की थी। बेटी की शादी करने के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे इलाज के लिए हल्द्वानी चले गए। कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट करवाया जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उनका हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था मगर बीते कई दिनों से उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी जिसके बाद उनको हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया था जहां पर बीते गुरुवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। अल्मोड़ा जिला महिला अस्पताल की प्रभारी सीएमएस डॉ प्रीति पंत का कहना है डॉक्टर दीपक 3 सालों से जिला महिला अस्पताल में प्रभारी सीएमएस के पद पर कार्यरत थे और वे अस्पताल के प्रशासनिक कार्यों के साथ ही ऑपरेशन से लेकर प्रसव के दौरान भी एक अहम भूमिका निभाते थे। इतनी अधिक उम्र होने के बाद भी वे निष्पक्ष भाव से महिलाओं के उपचार में जुटे रहते थे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में गर्भवतियों के ऊपर दबाव बढ़ गया था मगर उन्होंने अस्पताल में किसी भी महिला को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने दी। डॉ प्रीति पंत ने बताया कि दोपहर को तकरीबन 1:45 बजे उनको डॉक्टर गर्ब्याल के निधन की सूचना मिली जिससे पूरे अस्पताल के कर्मियों के बीच में शोक की लहर छा गई और सभी अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।