रुद्रप्रयाग: कोरोना का डर हर किसी को सता रहा है। थोड़ा बुखार आते ही लोग टेंशन में आ रहे हैं। कई बार लोग खुद को संक्रमित मानकर अस्पतालों के चक्कर काटने लगते हैं, तो वहीं कई गांव ऐसे भी हैं, जहां परिवार के परिवार बीमार हो रहे हैं, लेकिन लोग कोरोना टेस्ट कराने से डरने लगे हैं। पहाड़ में इन दिनों कई गांवों में ग्रामीण बुखार से जूझ रहे हैं, लेकिन अस्पताल जाने से डर रहे हैं। अस्पतालों का हाल क्या है, आप देख ही रहे हैं। ऐसे में लोगों को लगने लगा है कि कहीं अस्पताल से ही कोरोना साथ न आ जाए, इसलिए अस्पताल नहीं जा रहे। पहाड़ में न तो स्वास्थ्य सुविधाएं भली हैं और न ही इलाज की मूलभूत सुविधाएं...आपको उत्तराखंड के नई टिहरी का मामला बताते हैं। यहां थौलधार ब्लॉक के दो गांवों में ग्रामीण कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे, लेकिन इसे सामान्य बुखार मानकर अस्पताल नहीं जा रहे थे। वो मेडिकल स्टोर से ही दवाई लेकर खा रहे थे। सूचना मिलने पर जब गांव के लोगों की जांच कराई गई तो दोनों गांवों में 49 लोग कोरोना संक्रमित निकले। अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि हालात कितने खतरनाक हैं। इसी तरह रुद्रप्रयाग जिले में कंडारा घाटी, केदारघाटी, तुंगनाथ घाटी से लेकर दूरस्थ अन्य गांवों में सैकड़ों लोग बुखार की चपेट में हैं। आगे पढ़िए
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पहाड़ में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए हर तरफ डर का माहौल है। गढ़वाल में उत्तरकाशी और कुमाऊं में अल्मोड़ा, ये दो जिले ऐसे हैं, जहां के सैंपलों में संक्रमण दर सबसे ज्यादा है। उत्तरकाशी में 25 अप्रैल को प्रति सौ सैंपल पॉजिटिव मिलने की दर 13 प्रतिशत थी। जो कि धीरे-धीरे बढ़कर सात मई को 48 प्रतिशत हो चुकी है। अल्मोड़ा में 26 अप्रैल तक ये दर 26 प्रतिशत थी, जो कि 7 मई को 54 प्रतिशत हो गई। उत्तरकाशी में बीते दिन कोरोना के 266 केस मिले। जबकि अल्मोड़ा में 247, पौड़ी में 203, पिथौरागढ़ में 208, बागेश्वर में 237, चमोली में 175, चंपावत में 322, रुद्रप्रयाग में 271 और टिहरी में 424 नए केस मिले हैं। ऐसे में आप खुद समझ सकते है कि हालात कितने बिगड़ चुके हैं। संक्रमण रोकथाम के लिए पौड़ी में 15, उत्तरकाशी में 73, चंपावत में 27, चमोली में 6, टिहरी में 16, रुद्रप्रयाग में 6, पिथौरागढ़ में 9, अल्मोड़ा में 8 और बागेश्वर में 2 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। हम जानते हैं कि इन दिनों हर कोई दहशत में है, लेकिन कोरोना के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। जरूरी होने पर टेस्ट कराएं। हर जिंदगी कीमती है, इसलिए संक्रमण रोकथाम में अपना सहयोग दें।