नैनीताल: सोच सकारात्मक हो और इरादे बुलंद, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना नामुमकिन नहीं है। पहाड़ की होनहार बेटी निर्मला कोहली ने हेल्थ केयर ऑफिसर बन कर इस बात को सच कर दिखाया है। आज हर कोई निर्मला की सफलता देख रहा है, लेकिन सफलता के शिखर तक पहुंचने का उनका सफर बेहद मुश्किल रहा है। निर्मला का परिवार नैनीताल के लालकुआं में रहता है। पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। गरीबी और बेबसी से लड़ते हुए निर्मला आज एक सम्मानजनक ओहदे तक पहुंची है। बिंदुखत्ता में एक गांव है घोड़ानाला। निर्मला के पिता चंदन राम कोहली यहीं रहते हैं। चंदन राम दिहाड़ी मजदूर हैं। वो पूरी जिंदगी हाड़तोड़ मेहनत करते रहे, ताकि परिवार का पेट भर सकें। कभी काम मिलता था, तो कभी नहीं, लेकिन हालात जैसे भी रहे हों, चंदनराम ने बच्चों को पढ़ाने का सपना नहीं छोड़ा। निर्मला भी पिता की मजबूरियां समझती थी। जब उसने पांचवी पास की तो किसी ने सुझाव दिया की नवोदय स्कूल में अप्लाई कर दें। वहां रहना, खाना और पढ़ाई मुफ्त है। होनहार निर्मला ने अप्लाई किया और उसका सेलेक्शन हो गया।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड का ईमानदार कंडक्टर...बस में मिला रुपयों से भरा पर्स, नहीं डोला ईमान
12वीं तक की पढ़ाई निर्मला ने नवोदय विद्यालय से की। बाद में नैनीताल के बीडी पांडेय अस्पताल से बीएससी नर्सिंग की डिग्री हासिल की। अब निर्मला का चयन देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है। निर्मला के सभी भाई-बहनों ने गरीबी से लड़ते हुए अच्छी शिक्षा हासिल की है। निर्मला बताती हैं कि सरकारी विद्यालय से नर्सिंग कोर्स करने के दौरान उन्हें स्कॉलरशिप मिलती रही, जिससे उन्होंने अपना खर्चा चलाया। आज निर्मला उन तमाम लोगों के लिए मिसाल बन गई हैं, जो हालातों के आगे घुटने टेक दिया करते हैं। पूरा क्षेत्र निर्मला की उपलब्धियों पर गौरवान्वित है और उनकी जीवटता को सलाम कर रहा है। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से भी निर्मला को ढेरों बधाई। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। आप भी पहाड़ की होनहार बिटिया को बधाई देकर उसका हौसला बढ़ाएं।