चम्पावत: प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रही हैं। राज्य की होनहार बेटियों ने सफलता की राह में आने वाली हर बाधा को पार कर यह साबित किया कि बेटियां किसी से कम नहीं। बेटियों के इसी जज्बे को सम्मान देने के लिए बालिका दिवस के मौके पर उत्तराखंड में अभिनव पहल की गई। बालिका दिवस पर जहां हरिद्वार की बेटी सृष्टि गोस्वामी को एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया, तो वहीं चंपावत जिले के डीएम का कार्यभार निकिता आर्य ने संभाला। एक दिन के डीएम के तौर पर चुनी गईं निकिता इस मौके पर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही थीं। वे बेहद खुश थीं। इस मौके पर निकिता आर्य को डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय की तरफ से सम्मानित किया गया। डीएम के रूप में चुनी गई निकिता ने सबसे पहले स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कोरोना से बचाव संबंधी इंतजामों, 108 एंबुलेंस और गर्भवती महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं के बारे में जाना। साथ ही अस्पताल में महिला डॉक्टरों के खाली पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए। निकिता ने जिले की कानून व्यवस्था के साथ ही पांच विभागों की समीक्षा की। आगे पढ़िए
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उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा संबंधी इंतजाम चाक-चौबंद करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जाना। चलिए अब आपको एक दिन के लिए चंपावत जिले की बागडोर संभालने वाली निकिता के बारे में बताते हैं। निकिता दसवीं की छात्रा हैं। वो टनकपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में पढ़ती हैं। सीईओ आरसी पुरोहित ने बताया कि पढ़ाई में होशियार होने के आधार पर निकिता का एक दिन के डीएम के रूप में चयन किया गया। इसके बाद निकिता ने जिले की कानून व्यवस्था के साथ ही पांच विभागों की समीक्षा की। निकिता ने जिले में ऑनलाइन पढ़ाई और एमडीएम भोजन समेत शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सीईओ को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। एक दिन के लिए जिले की बागडोर मिलने पर निकिता बेहद खुश थी। उन्होंने कहा कि डीएम पद की जिम्मेदारी मिलने पर वो खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। अब वो सच में आईएएस अफसर बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगी और भविष्य में इस सपने को सच कर दिखाएंगी।