उधमसिंह नगर: सांपों की दुनिया बड़ी रहस्यमयी है। लोग इनसे डरते हैं और इनकी पूजा भी करते हैं। उत्तराखंड में दुर्लभ प्रजाति के सांपों का निवास है। प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर इन दुर्लभ सांपों की मौजूदगी दर्ज की गई। सांपों की ऐसी ही एक दुर्लभ प्रजाति है लाल कोरल कुकरी। इसे लाल मूंगा कुकरी भी कहते हैं। हाल में इस दुर्लभ प्रजाति के सांप को ऊधमसिंहनगर जिले में देखा गया। इस साल ये तीसरा मौका है, जबकि दुर्लभ रेड कुकरी स्नेक को उत्तराखंड में देखा गया। मूंगे जैसा चमकने वाला ये सांप दिखने में बेहद खूबसूरत होता है। ये बेहद दुर्लभ है, यही वजह है कि इसके बारे में अब तक बहुत कम जानकारी मिल पाई है। उत्तराखंड में इस साल इसे लगातार तीसरी बार देखा गया। पहले नैनीताल, फिर ऊधमसिंहनगर के दिनेशपुर में इसे देखा गया था। रुद्रपुर वन रेंज टीम को रविवार को जगदीशपुर गांव में लाल सांप दिखने की सूचना मिली थी। यह घर के आंगन में एक पेड़ के पास छिपा था। सांप की चमकती त्वचा देख लोग डरे हुए थे। जब वन टीम वहां गई और सांप को बचाया, तो उन्होंने महसूस किया कि यह दुर्लभ लाल मूंगा सांप है। आगे पढ़िए
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वनकर्मियों की टीम ने किसी तरह सांप को पकड़ कर उसे पास के वन क्षेत्र में छोड़ दिया। वन अधिकारियों के मुताबिक इस दुर्लभ सांप को पहली बार 1936 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी इलाके में देखा गया था। इसका जूलॉजिकल नाम ओलिगोडोन खेरिएन्सिस है। ये दिखने में एकदम लाल होता है। इसमें मूंगे के पत्थर की तरह चमक होती है। रेड कोरल कुकरी प्रजाति के इस सांप को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में शेड्यूल-4 का दर्जा हासिल है। दुर्लभ किस्म का ये चमकदार सांप जहरीला नहीं होता। इसका वास स्थल तराई है। रेड कोरल कुकरी सांप केंचुओं, कीड़ों, दीमक और लार्वा को खाता है। इस साल इसे राज्य में तीसरी बार देखा गया। इससे पहले 5 सितंबर और 7 अगस्त को भी दो जगहों पर इसे देखा गया था। इसे अब तक बहुत कम बार देखा गया है। ये खूबसूरत सांप दुर्लभ प्रजाति का जीव है, इसके बारे में अब तक बहुत कम जानकारी मिल पाई है।