बागेश्वर: बागेश्वर के चचई गांव में एक बार लोगों को बिन बुलाई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बागेश्वर के चचई गांव में एक बार फिर अज्ञात बीमारी से गांव के बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं जिस वजह से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के होश उड़े हुए हैं। यह बीमारी अबतक गांव के 6 बच्चों को अपनी चपेट में ले चुकी है और सभी बच्चे गंभीर अवस्था मे अस्पताल में भर्ती हैं। यह बीमारी सीरियस इसलिए भी है क्योंकि सभी बच्चों के अंदर एक जैसे लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे में इसके फैलने का रिस्क बढ़ सकता है। गांव के दो बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं चार बच्चों की हालत गंभीर होने पर उनको सुशीला तिवारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि सभी बच्चों को तेज बुखार आ रहा है और उनको गले में भी काफी अधिक दर्द हो रहा है जिस वजह से वह खाना निगलने में अक्षम हैं। वहीं गांव के 43 लोगों का कोविड टेस्ट लिया गया है। तीव्रता से फैल रही इस बीमारी का अभी तक पता नहीं लग पाया है।
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चचई गांव के ग्राम प्रधान निर्मला देवी ने बताया कि गांव में पिछले 1 सप्ताह से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। गांव में एक साथ कुल 6 बच्चों के बीमार पड़ने के बाद उनके परिजनों के साथ गांव वाले भी बेहद टेंशन में आ रहे हैं। हाल ही में गिरीश चंद्र के पुत्र 4 वर्षीय आयुष को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। आयुष को बुखार था और उसके गले में भी काफी दर्द था, जिस वजह से वह भोजन नहीं निकल पा रहा था। उसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया और तुरंत गांव पहुंच कर तकरीबन 31 बच्चों समेत एक दर्जन लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। स्वास्थ्य जांच में गंभीर रूप से बीमार 18 वर्षीय बालिका लक्ष्मी, 13 वर्षीय बालिका ममता, और 13 वर्ष बालिका सपना को जिला अस्पताल ले जाया गया। वहीं रविवार की सुबह आयुष समेत सबकी हालत अधिक खराब होने पर चारों बच्चों को हायर सेंटर सुशीला तिवारी भेज दिया गया।
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वहीं जिला अस्पताल में गांव के दो और बच्चों का इलाज चल रहा है। सोचने वाली बात यह है कि सभी बच्चों को एक जैसे सिम्पटम्स हैं। सीएमएस डॉ एलएस टोलिया ने कहा कि कोविड-19 के तहत 43 बच्चे और लोगों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। जिला अस्पताल के डॉ सैयद असद अब्बास ने बताया कि बच्चों के अंदर बैक्टीरिया के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। चार बच्चों को हल्द्वानी रेफर कर दिया गया है वहीं दो बच्चों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। अभी तक बीमारी का पता नहीं लग पाया है। चचई गांव में इससे पहले भी 20 दिन के अंतराल में तीन लोगों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चचई गांव में स्वास्थ्य शिविर भी लगाया था और रैपिड टेस्ट के जरिये तमाम लोगों के सैंपल लिए गए थे।