पिथौरागढ़: वर्तमान में उत्तराखंड से जुड़े नेपाल और चाइना के बॉर्डरों पर माहौल बहुत गर्माया हुआ है। नेपाल फिलहाल चाइना के साथ मिला हुआ है और दोनों देश मिलकर भारत के खिलाफ कुछ बड़ी साजिश रच रहे हैं। लाइव हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक उत्तराखंड में चीन और नेपाल के बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ा दी गई है और फोर्स की तादाद भी 10 गुना तक बढ़ा दी गई है। भारत की ओर से दोनों देशों को करारा जवाब देने की पूरी तैयारी की जा रही है। चीन ने अपने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की टुकड़ी उत्तराखंड के लिपुलेख के पास पहुंचा दी है। इस एरिया में चीनी सेना की बढ़ती गतिविधियां भी देखी गई हैं। चीन अपने अंदरूनी इलाकों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को काफी तेजी से आगे बढ़ा रहा है। वहीं एक सैनिक कमांडर के मुताबिक चीनी सेना ने लिपुलेख के पास अपनी फौज इकट्ठा कर रखी है
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लिपुलेख पास पर सीएलएनए सीमा से कुछ ही दूरी पर चीन ने तकरीबन 1000 सैनिक जुटा लिए हैं। इससे यह तो साफ हो गया है कि चीन, नेपाल के साथ मिलकर भारत के खिलाफ कुछ बड़ा प्लान कर रहा है। जिसके बाद भारतीय सेना भी सतर्क हो चुकी है। लिपुलेख में चीनी सेना का मूवमेंट मिलने के साथ ही नेपाल भी भारत के खिलाफ कई चालें चल बैठा है। जिसके बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने उत्तराखंड में चाइना और नेपाल से लगी सभी सीमाओं में सतर्कता को बढ़ा दिया है। हाल ही में नेपाल ने भारत और नेपाल बॉर्डर पर एक और इलाके में अपनी पोस्ट बना दी है। धारचूला बॉर्डर पर अपने पुलिस बल के लिए नेपाल ने एक बटालियन मुख्यालय और बनाया है। इससे यह तो साफ हो गया है कि नेपाल भी अंदर ही अंदर भारत के विरोध में कुछ न कुछ प्लान कर रहा है
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उत्तराखंड बॉर्डर पर नेपाल और चीन की सैन्य गतिविधियां काफी बढ़ गई है। दोनों देशों के अंदर भारत विरोधी राजनीति शुरू होने के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने भी बिना देरी किए चाइना और नेपाल से लगी सभी सीमाओं में सतर्कता बढ़ा दी है। मुनस्यारी से लगी चीन सीमा पर भारी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। इसी के साथ नेपाल सीमा में सुरक्षा एजेंसियों ने रात के वक्त सर्च लाइट से काली नदी की तमाम खुली सीमाओं पर भारतीय सैनिकों का पहरा और कड़ा कर दिया है। नेपाल से लगी काली नदी से सटे खुली सीमा में हंसेश्वर, झूलाघाट, जौलजीबी सहित पूरे क्षेत्र में रात से ही सर्च लाइट की मदद से भारतीय सेना के जवान पहरा दे रहे हैं। वहां पर 8 से 10 गुना अधिक फौज बढ़ा दिया गया है और रिजर्व में भी सुरक्षा के कर्मियों को रखा गया है। कुल मिला कर भारत चीन और नेपाल की नीयत को भांप चुका है और वह जरा भी लापरवाही नहीं बरत रहा है।