पिथौरागढ़: अंदरूनी राजनैतिक लड़ाई के बीच नेपाल का उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में सीमा के पास से 2 चौकियों को हटाना आखिर किस ओर इंगित करता है? नेपाल और भारत के बीच पनप रहे रिश्तों के बारे में हम सब जानते ही होंगे। वर्तमान में दोनों देशों के बीच कड़वाहट साफ दिखाई दे रहे हैं। इसी आपसी रंजिश के बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से एक बहुत बड़ी खबर आ रहे हैं। बता दें उत्तराखंड- नेपाल सीमा पर स्थित झूलाघाट के बलाढा और जोलजीबी के पाखू में हाल ही में बनाई गई नेपाल की 6 नई चौकियों में से 2 चौकियों को नेपाल ने हटा लिया है। हालांकि अभी भी सीमा पर नेपाल की 8 पोस्ट बरकरार हैं। यह तो हम सबको पता ही होगा कि नेपाल में इस समय राजनीतिक संकट काफी गहराया हुआ है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपना पद बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं क्योंकि उन्हीं की पार्टी के नेतागण उनके खिलाफ हो रखे हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी सीट बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
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भारत से दुश्मनी लेनी उनको महंगी पड़ी और भारत विरोधी नीति के खिलाफ अब उन्हीं की पार्टी उनका विरोध कर रही है। इसी राजनैतिक लड़ाई के बीच नेपाल ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला क्षेत्र में सीमा के पास से 2 चौकियों को हटा लिया है। उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर नेपाल सरकार द्वारा 2 चौकियों को हटाए जाने का यह फैसला प्रधानमंत्री ओपी शर्मा ओली के राजनीतिक संकट से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि नेपाल, भारत विरोधी फैसलों को लेकर काफी निशाने पर आ चुका है। इस समय नेपाल में सत्ता बचाने के लिए ओपी शर्मा अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। आपको बता दें कि सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को सोमवार को ओपी शर्मा के सन्दर्भ में फैसला करने के लिए एक बैठक आयोजित करनी थी जिसे बुधवार तक टाल दिया गया है।
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मालूम हुआ है कि सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति के 40 में से 30 मेम्बर ओली का इस्तीफा चाहते हैं। इसी बीच उन्होंने उत्तराखंड से अपनी दो चौकियां भी हटा ली हैं जिसको सीधा-सीधा नेपाल के ऊपर आए राजनैतिक संकट से जोड़कर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि भारत द्वारा पिथौरागढ़ जिले के धारचूला कस्बे से लिपुलेख दर्रा को जोड़ने वाली सड़क का उद्घाटन किए जाने के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों में काफी अधिक तनाव आ चुका है। यह सड़क सामरिक दृष्टि और रणनीतिक दोनों ही तरह से बहुत जरूरी है। नेपाल द्वारा क्षेत्र में 6 महीने पहले 6 चौकी स्थापित कर दी गई थी। मगर वहीं उनमें से 2 चौकी को नेपाल ने हटा दिया है। धारचूला के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि कुछ दिनों पहले जब उन्होंने नेपाल अधिकारियों से इस संदर्भ में बात की तो उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों के आदेश पर दो चौकियों को हटाया गया है। वहीं उत्तराखंड में भारत-नेपाल संबंधों के विशेषज्ञों ने दोनों देशों के मध्य बढ़ रहे तनाव को लेकर नेपाल के कदम को महत्वपूर्ण बताया है। नेपाल द्वारा चौकी हटाने से तनाव के बीच कमी आएगी।