हरिद्वार: चारधाम यात्रा के बाद अब श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा पर कोविड-19 की काली छाया पड़ गई है। इस बार सावन में भक्तों के लिए भोले के दरबार नहीं खुलेंगे। हरिद्वार में परंपरागत कांवड़ मेला नहीं होगा, लेकिन हां श्रावण मास में उत्तराखंड सरकार एक अच्छी पहल जरूर करने जा रही है। उत्तराखंड सरकार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को गंगाजल देने जाएगी। यानी भले ही दूसरे राज्यों के कांवड़िए उत्तराखंड ना आ सके, लेकिन भोले बाबा और मां गंगा का आशीर्वाद उनके राज्यों तक जरूर पहुंचाया जाएगा। उत्तराखंड के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने देहरादून में हुई प्रेस कांफ्रेंस में इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते इस बार परंपरागत कांवड़ यात्रा पर रोक लगी है, लेकिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक गंगाजल पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। आगे पढ़िए
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1- कांवड़ यात्रा के श्रद्धालुओं को गंगाजल ले जाने में उत्तराखंड सरकार सहयोग भी करेगी। ये फैसला राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद लिया गया है।
2- कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए 6 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।
3-हाल ही में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों की इस संबंध में एक बैठक भी हुई थी। जिसमें तय किया गया कि श्रद्धालुओं को अपने-अपने क्षेत्र में सख्ती के साथ रोका जाएगा। कांवड़ यात्रा स्थगित है।
4- कांवड़ियों की प्रदेश में एंट्री पर बैन है, ऐसे में अगर कोई कांवड़िया किसी तरह हरिद्वार पहुंच भी गया तो प्रशासन क्या कदम उठाएगा, ये भी जान लीजिए। कुछ जरूरी बातें हैं जो आपको जानना बेहद जरूरी है। आगे पढ़िए
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5- आवाजाही पर प्रतिबंध होने के बावजूद अगर कोई भी कांवड़िया हरिद्वार आता है, तो उसे 14 दिन के लिए क्वारेंटीन किया जाएगा। क्वारेंटीन के दौरान रहने और खाने का खर्चा श्रद्धालु को खुद उठाना पड़ेगा।
6- प्रदेश में बॉर्डर पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की प्रदेश में एंट्री पर रोक लगी है।
7- यात्रा मार्गों पर भंडारे नहीं लगेंगे, शिविर लगाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
8- कांवड़ यात्रा भले ही स्थगित कर दी गई है, लेकिन राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों तक गंगाजल पहुंचाने का इंतजाम कर लिया है। राज्य सरकार अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को गंगा जल भेंट करेगी। कुल मिलाकर सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के लिए कड़े नियम तैयार किए गए हैं।