उत्तराखंड चमोलीLiquor ban in aali village chamoli garhwal

देवभूमि की इन महिलाओं को सलाम..एकजुट होकर दिखाई हिम्मत, 4 गांवों में शराब एकदम बंद

प्रतिबंध के बावजूद अगर किसी ने शराब पीने और पिलाने की जुर्रत की तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा, जुर्माना भी वसूला जाएगा...देवभूमि में वास्तव में ऐसे गांव होने चाहिए

आली गांव: Liquor ban in aali village chamoli garhwal
Image: Liquor ban in aali village chamoli garhwal (Source: Social Media)

चमोली: नशे के लिए बदनाम उत्तराखंड में ऐसे कई गांव हैं, जहां महिलाओं ने शराब के सेवन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसा ही एक क्षेत्र है चमोली का नारायणबगड़, जहां कई गांवों में शराब के सेवन पर पूरी तरह रोक लग चुकी है, और ये सब संभव हुआ महिलाओं की हिम्मत और उनके आंदोलन की वजह से। नारायणबगड़ के लेगुना, सणकोट और पैठाणी में शराब के सेवन पर रोक लगी है। देवभूमि के इन गांवों में अब ब्लॉक का निकटवर्ती गांव आली भी शामिल हो गया है। गांव की महिलाओं ने शराब के सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। महिला मंगल दल ने कहा कि शराब के बढ़ते प्रचलन की वजह से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। गांव का आपसी सौहार्द खत्म हो रहा है, माहौल खराब हो रहा है। ये सब रोकना है तो सबसे पहले शराबखोरी के खिलाफ आवाज उठानी होगी।

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सोमवार को गांव में एक खुली बैठक हुई। जिसमें शराब के सेवन पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया गया। अब से गांव में होने वाले किसी भी सार्वजनिक समारोह में शराब नहीं परोसी जाएगी। शादी-ब्याह में कॉकटेल पार्टी का चलन खत्म होगा। महिलाओं ने पारिवारिक समारोह में शराब ना परोसने का फैसला भी लिया। महिलाओं ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद अगर किसी ने शराब पीने या पिलाने की जुर्रत की तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। जुर्माना भी वसूला जाएगा। ग्रामीणों ने गांव को स्वच्छ रखने के लिए हर घर में कूड़ादान रखने का फैसला भी लिया। खुले में कूड़ा फेंकने वालों से भी जुर्माना वसूला जाएगा। आली गांव में जो पहल शुरू हुई है, वैसे प्रयास देवभूमि के दूसरे गांवों में भी होने चाहिए। पहाड़ की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में है, पहाड़ के भविष्य को बर्बादी से बचाना है तो हमें ये करना ही होगा।