देहरादून: कुछ कहानियां...अच्छी और सच्ची कहानियां। यकीन मानिए ये कहानियां आपके बीच लाकर हमें भी गर्व महसूस होता है। आज ऐसी ही कहानी है देहरादून के निशांत की। निशांत मेनवाल के पिता ठेली पर सब्जी बेचते हैं और परिवार का गुजर बसर करते हैं। यूं समझ लीजिए कि इस परिवार के लिए दो जून की रोटी भी जुटाना कितना मुश्किल होता होगा। आर्थिक हालात निशांत की सफलता की राह में रोड़ा बनकर खड़े थे लकिन जो हार मान ले, वो कैसा विजेता ? निशांत ने हार नहीं मानी। कड़ी मेहनत की और जेईई मेन परीक्षा में 90.24 पर्सेटाइल स्कोर किया है। देहरादून के कैलाशपुर निवासी बबलू मेनवाल का बेटा है निशांत मेनवाल। पिता सब्जी बेचते हैं जबकि मां ओमवती मेनवाल ग्रहणी हैं। पिता ने हमेशा चाहा कि उनका बेटा पढ़े लिखे और गलत संगत में न पड़े। निशांत ने भी पिता के मर्म और मां के दर्द को समझा। आखिरकार उसने अपने पिता का सपना सच कर दिखाया। पिता ने ने आर्थिक तंगी के बावजूद अपने बेटे को पढ़ाया। आज बेटे ने जेईई मेन में ऐसा प्रदर्शन किया तो पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। निशांत ने 12वीं की परीक्षा एसजीआरआर पटेलनगर से पास की है। निशांत अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं और उनकी पहली पसंद है कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग । शाबाश निशांत...आपके भीतर वो काबिलियत है कि सफलता मिल ही जाएगी। उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं।
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