देहरादून: पहाड़ में सफर सुरक्षित नहीं रह गया है। तीखे मोड़ हादसों की वजह बन रहे हैं, जिनमें लोग हर दिन जान गंवा रहे हैं। ऐसे खतरनाक मोड़ों पर गूगल का ‘मेरी यात्रा’ ऐप वाहन चालकों का साथी बनेगा। ऐसा साथी जो उन्हें खतरनाक मोड़ों के बारे में आगाह करेगा, उनकी जान बचाएगा। गूगल मैप से जुड़ा ये ऐप अंधा मोड़ आने के 400 मीटर पहले ही बीप के जरिए वाहन चालक को खतरे के बारे में बता देगा। गूगल मैप पर प्रदेश के 13 जिलों के 673 खतरनाक मोड़ों की जानकारी अपलोड होगी। बीप से सतर्क करने वाला ये ऐप 31 जनवरी को लांच होगा। ‘मेरी यात्रा’ ऐप को ट्रैफिक निदेशालय और एसडीआरएफ ने मिलकर तैयार किया है। इस तरह के ऐप की जरूरत लंबे वक्त से महसूस की जा रही थी, क्योंकि उत्तराखंड में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। पहाड़ी सड़कों के तीखे मोड़ काल साबित हो रहे हैं। ऐसे में ‘मेरी यात्रा’ ऐप वाहन चालकों का मददगार साबित होगा। ये ऐप सीधे गूगल से जुड़ा होगा, जिसमें प्रदेश के 13 जिलों के करीब 673 अंधे मोड़ों की जानकारी होगी।
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यहां आपको हर जिले के दुर्घटना संभावित स्पॉट्स के बारे में भी जानना चाहिए। देहरादून में ऐसी 83 जगहें चिन्हित की गई हैं। उत्तरकाशी में ये संख्या 28 है। इसी तरह टिहरी जिले में 61, पौड़ी में 50, चमोली में 63 और रुद्रप्रयाग में 27 जगहें दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। हरिद्वार में 37, नैनीताल में 54, ऊधमसिंहनगर में 56, अल्मोड़ा में 68, पिथौरागढ़ में 55, चंपावत में 24 और बागेश्वर जिले में 67 दुर्घटना संभावित जोन हैं। संकरी सड़कें, तीव्र मोड़, यू-टर्न बैंड, गहरी खाई वाली तरफ पैराफीट ना होना, लैंड स्लाइड और खराब सड़कें जैसे कई कारण हैं, जो कि हादसों की वजह बनते हैं। चारधाम यात्रा के दौरान बाहर से आने वाले वाहन चालकों को तीखे मोड़ों के बारे में पता नहीं होता, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। ऐसे में ‘मेरी यात्रा’ मोबाइल ऐप से उन्हें मदद मिलेगी। साथ ही देशभर से उत्तराखंड आने वाले सैलानियों के साथ होने वाले हादसों के खतरे को कम किया जा सकेगा।