नमन: देवभूमि की महिला शिक्षक को आखिरी सलाम, जाते-जाते भी किसी को जिंदगी दे गई
नमन: देवभूमि की महिला शिक्षक को आखिरी सलाम, जाते-जाते भी किसी को जिंदगी दे गई
मनीषा बिष्ट
15 Apr 2018
उत्तराखण्ड
58550
वो जिंदगी भी किस काम की, जो किसी और के काम ना आ सके। किसी और के काम अगर जिंदगी नहीं आई...तो क्या जिंदगी ? जब तक जी रहे हैं शान से जिएं और जाते जाते किसी को जिंदगी की नई सांसें दें, इससे बेहतर और क्या हो सकता है ? ऐसा ही काम उत्तराखंड के टिहरी जिले की महिला शिक्षक ने किया है। इनका नाम था प्रियंका वर्मा, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। दरअसल प्रियंका के पिता लक्ष्मण वर्मा टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज कुमसीला में कार्यरत हैं। प्रियंका वर्मा राजकीय इंटर कॉलेज कठूड़ में गेस्ट टीचर के पद पर कार्यरत थीं। 8 अप्रैल 2018 यानी रविवार के दिन वो अपने पिता के साथ बरेली गईं थीं। प्रियंका वहां समीक्षा अधिकारी की परीक्षा देने गई थी। लेकिन वहां एक हादसा हो गया। प्रियंका के ऊपर बिजली का खंभा गिर गया। इस वजह से प्रियंका गंभीर रूप से घायल हो गई।
यह भी पढें - टिहरी की इस महिला टीचर को आखिरी सलाम, जाते-जाते किसी को जिंदगी दे गई
यह भी पढें - उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा, एक ही परिवार से उठी तीन अर्थियां...2 साल का मासूम बचा
इस हादसे में प्रियंका के सिर और पैर में गंभीर चोट आ गई थी। बरेली से उन्हें लखनऊ के अस्पताल में रेफर कराया गया था। इलाज के दौरान लखनऊ में प्रियंका का निधन हो गया। क्या आप जानते हैं जाते जाते प्रियंका ने क्या किया है ? इस महिला शिक्षक ने जाते जाते अपनी आंखें दान कर दी, ताकि किसी और के काम आ सकें। प्रियंका की मौत की खबर सुनकर ही टिहरी जिले के गेस्ट टीचर में मातम पसर गया। अपने सादे और सुशील व्यवहार की वजह से प्रियंका साथी शिक्षकों को काफी पसंद आती थीं। उनके पढ़ाई करवाने का तरीका अच्छा था। प्रियंका ने अपनी पढ़ाई लिखाई पौखाल के इंटर कॉलेज से की थी। अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रियंका बरेली गईं थी। वहां एक हादसे का शिकार हो गईं। इसके बाद किसी और के सपने जिंदा रखने के लिए ये महिला शिक्षक अपनी आंखें दान कर गई। प्रियंका के परिवार को भी राज्य समीक्षा का दिल से सलांम, जिन्होंने ये बडा़ फैसला लिया।