राज्य समीक्षा
उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में ऐसे डीएम भी हैं...कभी मजदूरी कर पढ़ाई पूरी की, अब बने युवाओं के लिए प्रेरणा !
उत्तराखंड में ऐसे डीएम भी हैं...कभी मजदूरी कर पढ़ाई पूरी की, अब बने युवाओं के लिए प्रेरणा !
उत्तराखंड में ऐसे डीएम भी हैं...कभी मजदूरी कर पढ़ाई पूरी की, अब बने युवाओं के लिए प्रेरणा !
कपिल
26 Mar 2018
nainital
8235
उत्तराखंड में बजट का रोना लगभग हर विभाग रोता है, लेकिन तब क्या जब विभाग के पास बजट हो और जनता के कामों में ये बजट खर्च ना हो रहा हो ? जाहिर है कि ऐसे मामलों में कार्रवाई की जरूरत होती है। इस बीच जरूरत कुछ ऐसे अधिकारियों की होती है, जो तुरंत कार्रवाई करें। इस बीच हम आपको एक ऐसे जिलाधिकारी के बारे में बता रहे हैं, वो हैं 1997 बैच के पीसीएस और 2008 बैच के आईएएस अधिकारी। नाम है विनोद कुमार सुमन। सुमन ने रविवार देर रात नैनीताल के 16वें डीएम के रूप में कामकाज संभाला। कार्यभार ग्रहण करते ही डीएम ने देर रात तक कलक्ट्रेट में अफसरों को बुलाकर बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विभागों द्वारा जनता के कामों पर खर्च किए गए बजट कि रिपोर्ट देखी। इसमें देखा गया कि कुछ विभागों ने बजट नहीं खर्च किया है। इसके बाद डीएम ने उन अधिकारियों को चेतावनी दे डाली।
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24 मार्च 2018 को नैनीताल के जिलाधिकारी दीपेंद्र कुमार चौधरी का तबादला कर दिया गया था। उनकी जगह शासन से अपर सचिव विनोद कुमार सुमन को नैनीताल की कमान सौंपी गई थी। अफसरों के साथ बैठक करने के बाद डीएम ने कोषागार का निरीक्षण किया। कोषागार में डीएम ने जरूरी दस्तावेज चेक गए। इसके साथ ही स्टांप की बिक्री और उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने तुरंत ही जांच में पाया कि पिछले नगर पालिका चुनाव के मतपत्र अभी भी कोषागार में ही रखे गए हैं। उन्होंने तुरंत ही अधिकारायों को इस काम के निपटारे के भी आदेश दिए। मौके पर ही DM ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे विभागों को जल्द से जल्द चिह्नित किया जाए, जो अपना बजट खर्च नहीं कर पाए हैं। ऐसे विभागों का पैसा लैप्स होने की कगार पर है। अब जरा इस जिलाधिकारी के बारे में आपको कुछ खास बताते हैं।
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इनकी सफलता की कहानी भी आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती है। विनोद कुमार सुमन के दिल में अपनी जिंदगी में कुछ करने की चाह थी। इंटरमीडिएट करने के बाद वो इस जुनून में भदोही से अपने माता-पिता को छोड़कर श्रीनगर गढ़वाल आ गए। बताया जाता है कि यहां उन्होंने कई महीने तक मजदूरी करके गुजर बसर किया था। श्रीनगर में मजदूरी के साथ साथ उन्होंने ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वो पीसीएस की परीक्षा में सफल हुए। इससे पहले विनोद कुमार सुमन खनन विभाग में भी अपर सचिव रह चुके हैं। मार्च क्लोजिंग के ऐन वक्त पर उनके नैनीताल का पजभार संभालने के बाद कई तरह की चर्चाएं हुईं। उनका कहना है कि चुस्त दुरुस्त प्रशासन बनाकर बेहतर माहौल तैयार करना है। अल्मोड़ा और चमोली में भी विनोद कुमार सुमन डीएम रह चुके हैं। देखना है कि आगे क्या होता है।