देहरादून: हर गुनाह अपने होने से पहले कोई ना कोई दस्तक जरूर देता है, पर हम अक्सर इसकी अनदेखी कर देते हैं। देहरादून में अपने पूरे परिवार को खत्म कर देने का फैसला करने वाले राम सिंह के लिए हालात से समझौता कर पाना आसान नहीं था। वो कई तरह की दिक्कतों से जूझ रहा था। आर्थिक परेशानियां उस पर कुछ इस कदर हावी हुईं कि वो डिप्रेशन में रहने लगा। डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है, जिस पर आज भी हमारे समाज में कोई खुलकर बात नहीं करता। आमतौर पर एकदमा सामान्य और खुश दिखने वाले लोग भी मन ही मन ना जाने कितनी उथल-पुथल से जूझ रहे होते हैं, पर केवल ये सोचकर कुछ कह नहीं पाते कि ना जाने लोग क्या सोचेंगे। कोई उन्हें पागल समझ लेगा। डोईवाला के दुधली में रहने वाला राम सिंह भी ऐसी ही स्थिति से गुजर रहा था। वो परेशान था, डिप्रेशन में था और गुस्से और भावनाओं का ये लावा कुछ इस कदर फूटा कि हंसता-खेलता परिवार तबाह हो गया।