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देहरादून की स्कूल बसों में बच्चों की जान से खिलवाड़..14 गाड़ियां सीज, 40 का कटा चालान

देहरादून में स्कूली बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है, आखिर स्कूल प्रबंधन इस मामले में कब गंभीर होंगे...

उत्तराखंड न्यूज: school bus in dehradun
Image: school bus in dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: एजुकेशन हब के तौर पर मशहूर देहरादून में धड़ाधड़ नए स्कूल खुल रहे हैं, पर स्कूल चलाने वालों को शिक्षा से ज्यादा अपने बिजनेस की पड़ी है। तभी तो देहरादून में नियम-कानूनों को ताक पर रख स्कूल बसें दौड़ाई जा रही हैं। बसों में, वैन में क्षमता से ज्यादा बच्चों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंसा जा रहा है। आप और हम सोच भी नहीं सकते कि हमारे मासूम बच्चे कितनी तकलीफ सह कर, धक्कामुक्की झेलकर स्कूल पहुंचते हैं। कई बसें बिना फिटनेस के दौड़ रही हैं, कई स्कूलों के वाहन चालक तो ऐसे हैं जिनके पास लाइसेंस ही नहीं है। अब आप खुद ही देख लें कि बच्चों की सुरक्षा के साथ कैसे खिलवाड़ हो रहा है। हाल ही में परिवहन विभाग ने शहरभर में चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान स्कूलों प्रबंधनों के उन दावों की पोल खुल गई, जिसमें वो बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरी होने की बात कहते हैं। परिवहन विभाग ने स्कूल बसों और वैन की चेकिंग की तो कई बसें बिना फिटनेस के सड़क पर दौड़ती मिलीं। इस दौरान परिवहन विभाग की टीम ने एक ऐसी वैन भी पकड़ी, जिसमें केवल 12 बच्चों के बैठने की जगह थी, पर वैन में 20 बच्चों को ठूंसा गया था। अब इन बेचारे बच्चों की तकलीफ का अंदाजा लगाइए। माता-पिता कितने अरमानों से लाडलों को स्कूल भेजते हैं, पर ये सफर उनके लिए असुरक्षित तो है ही साथ ही दुखदायी भी बन गया है।

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दो दिन तक चले अभियान के तहत राजपुर रोड, घंटाघर, जोगीवाला और हरिद्वार बाइपास जैसे इलाकों में स्कूल बसों और वैनों की चेकिंग हुई। इस दौरान कई स्कूल बसें अपने रूट की बजाय दूसरे रूटों पर दौड़ती मिलीं। कुछ बसें बिना परमिट और फिटनेस के दौड़ रही थीं। दो बसों के ड्राइवरों के पास लाइसेंस नहीं था, जिस वजह से बसों को सीज कर दिया गया। एक वैन प्राइवेट थी, जिसे सीज किया गया। वैनों और ऑटो में क्षमता से ज्यादा बच्चों को ढोया जा रहा था। चेकिंग के दौरान 14 गाड़ियों को सीज किया गया, जबकि 40 के चालान किए गए। जिन वाहनों को सीज किया गया है उनमें 9 स्कूल बसें और स्कूल वैन शामिल हैं। तो अगली बार आप जब भी किसी स्कूल बस या वैन को नियम-कानूनों का उल्लंघन करते देखें तो सवाल जरूर उठाएं। स्कूल प्रबंधन से बात करने में, शिकायत करने में ना झिझकें क्योंकि ये आपके-हमारे बच्चों की सुरक्षा का सवाल है, जिससे समझौता कतई नहीं होना चाहिए।