उत्तराखंड रुद्रप्रयागbadrinath aarti dhan singh bathwal

बदरीनाथ की आरती बदरुद्दीन ने नहीं बल्कि पहाड़ के एक प्रकांड विद्वान ने लिखी, सच पर लगी मुहर

आरती 'पवन मंद सुगंध शीतल' के लेखक को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है, मंदिर समिति भी धन सिंह बर्त्वाल को आरती का लेखक मान चुकी है...देखिए वीडियो

बदरीनाथ आरती: badrinath aarti dhan singh bathwal
Image: badrinath aarti dhan singh bathwal (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ धाम में गाई जाने वाली आरती 'पवन मंद सुगंध शीतल' को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया है। आरती के असली लेखक को लेकर अब तक सस्पेंस बना हुआ था, लेकिन अब बदरी-केदार मंदिर समिति ने भी मान लिया है कि आरती के लेखक रुद्रप्रयाग जिले के सतेरा स्यूपुरी गांव के स्वर्गीय धन सिंह बर्त्वाल हैं। बदरी-केदार मंदिर समिति की बैठक में तमाम साक्ष्यों पर चर्चा हुई। समिति पदाधिकारियों ने पांडुलिपि को सही पाते हुए कहा कि धन सिंह बर्त्वाल ही भगवान बदरीनाथ की आरती के लेखक हैं। अब धन सिंह बर्त्वाल आरती 'पवन मंद सुगंध शीतल' के लेखक के तौर पर जाने जाएंगे। कई दशक बाद आखिरकार उन्हें उनका हक मिल गया। बता दें कि भगवान बदरीनाथ के मंदिर में गाई जाने वाली आरती के लेखक कौन हैं इसे लेकर लंबे वक्त से सस्पेंस बना हुआ था। अब तक माना जाता था कि बदरीनाथ जी की आरती लिखने वाले बदरुद्दीन हैं। पर बहस तब शुरू हुई जब आरती की दशकों पुरानी पांडुलिपी सामने आई। आगे देखिए वीडियो

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एक बार फिर इस बात पर बहस होने लगी कि आखिरकार आरती लिखने वाले लेखक हैं कौन। विवाद के निपटारे के लिए पांडुलिपी की जांच की गई। कार्बन डेटिंग निकाली गई तो पता चला कि पांडुलिपि लिखे जाने का समय 1860 के आसपास का है, इससे धन सिंह बर्त्वाल के परिजनों के दावे को मजबूती मिली। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही कह चुके हैं कि आरती के लेखक धन सिंह बर्त्वाल हैं। अब बदरी-केदार मंदिर समिति ने भी इस तथ्य पर मुहर लगा दी है। मंदिर समिति ने धन सिंह के पोते को सम्मानित करने का भी फैसला किया है। आपको बता दें कि जब से आरती को लेकर विवाद शुरू हुआ है, तब से ही बदरुद्दीन के पोते भी सरकार पर लगातार गलत जानकारियां देने के आरोप लगाते रहे हैं। वो कह चुके हैं कि बदरीनाथ आरती को लिखने का श्रेय किसी और को दिया जाना ऐसा लगता है, जैसे कि उनकी पुश्तैनी धरोहर को किसी ने छीन लिया हो।

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बहरहाल आरती के लेखक को लेकर अब सस्पेंस खत्म हो गया है, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद बदरीनाथ मंदिर समिति ने भी धन सिंह बर्त्वाल के परिजनों के दावों को सही बताया है।

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