: उत्तराखंड का चमोली जिला अपनी नैसर्गिक खूबसूरती के मशहूर है। यहां के धार्मिक स्थल पूरी दुनिया में विख्यात हैं। बदरीनाथ धाम की यात्रा के लिए यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैँ। यहां वो धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ प्रकृति के नजारों का भी लुत्फ उठा रहे हैं। चमोली जिले में ही स्थित है वसुधारा जलप्रपात, यहां आकर पर्यटकों को शांति और सुकून मिलता है। रोजमर्रा की आपाधापी से दूर पर्यटक यहां शांति के कुछ पल बिताने पहुंच रहे हैं। जो पर्यटक बदरीनाथ आते हैं, वो वसुधारा के दर्शन करना नहीं भूलते। वसुधारा जलप्रपात का धार्मिक महत्व है। वसुधारा के बारे में कहा जाता है कि इसका जल पापात्माओं पर नहीं गिरता, केवल पुण्यात्माओं पर ही वसुधारा का जल गिरता है। स्कंद पुराण में भी वसुधारा की महिमा का वर्णन है। कहते हैं कि वसुधारा की बूंदे शरीर पर पड़ने से हर तरह के विकार मिट जाते हैं। मान्यता है कि यहां अष्ट वसु ने कठोर तप किया था, इसीलिए झरने का नाम वसुधारा पड़ा। इस मनोहर झरने को मूल से शिखर तक एक बार में नहीं देखा जा सकता। ये वही जगह है जहां पांडव भाईयों में से एक सहदेव ने स्वर्ग जाते वक्त प्राण त्यागे थे। अर्जुन ने भी अपना गांडीव धनुष यहीं छोड़ा था।