उत्तराखंड हरिद्वारelderly couple killed by angry elephant in Uttarakhand

उत्तराखंड में गुस्साए हाथी ने बरपाया कहर...बुजुर्ग दंपति को पटक-पटक कर मार डाला

धनौरी, बुग्गावाला में बुजुर्ग दंपति की लाश कच्चे रास्ते पर पड़ी मिली, दोनों शवों की जो हालत थी उसे देख ग्रामीण सिहर गए..

हरिद्वार: elderly couple killed by angry elephant in Uttarakhand
Image: elderly couple killed by angry elephant in Uttarakhand (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच होने वाली हिंसक झड़पें खतरनाक रूप लेती जा रही हैं। लोग हाथियों के हमले में जान गंवा रहे हैं, पर इन्हें रोक पाने के लिए वन विभाग के पास अब भी कोई कारगर उपाय नहीं है। ऐसा ही मामला सामने आया है धनौरी, बुग्गावाला में, जहां रिश्तेदारी से लौट रहे बुजुर्ग दंपति की हाथी ने पटक-पटक कर जान ले ली। ये घटना शनिवार की है, पर इसका पता परिजनों को रविवार को चला। शनिवार को जब बुजुर्ग दंपति घर नहीं लौटे तो परिजन उनकी तलाश में निकल गए। बाद में दंपति के शव बुरी हालत में सड़क पर पड़े मिले। लाशों की जो हालत थी, उसे देख वहां मौजूद हर इंसान सिहर गया। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने बिहारीगढ़-रोशनाबाद मुख्य मार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया और वन अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे। पुलिस ने उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। पूरा मामला क्या है, ये भी आपको बता देते हैं। डालूवाला मजबता गांव में रहने वाले 65 साल के बंजारा सिख कर्म सिंह और उनकी 60 वर्षीय पत्नी लीला शनिवार को अपने एक रिश्तेदार के यहां हजाराग्रंट गए हुए थे।

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उन्हें शनिवार को ही लौट आना था, पर वो रविवार को भी नहीं आए। परिजनों को चिंता हुई तो वो उन्हें ढूंढने चले गए। जैसे ही परिजन हजारा वन चौकी के पास पहुंचे, वहां कच्चे रास्ते पर बुजुर्ग दंपति के शव पड़े मिले। ये देख वहां चीख-पुकार मच गई। गांव वाले भी मौके पर पहुंच गए। लाशों की जो हालत थी उसे देख लोगों का दिल दहल गया। बुजुर्ग दंपति के दोनों लोगों के हाथ पैरों की हड्डियां बुरी तरह से टूटी हुई थीँ। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शव अपने कब्जे में ले लिए। बता दें कि बुग्गावाला क्षेत्र के ज्यादातर गांव राजाजी टाइगर रिजर्व और वन विभाग के सामाजिक वानिकी क्षेत्र से सटे हैं। यहां पहले भी हाथियों के हमले की घटनाएं हो चुकी हैं। इसी साल 10 मार्च को बंदरजूद में लकड़ी बीनने गई महिलाओं पर हाथी ने हमला कर दिया था, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई थी। पिछले साल नवंबर और दिसंबर में भी बंजारावाला में हाथी के हमले में कई ग्रामीणों की मौत हो गई थी। हाथी के हमले की बढ़ती घटनाओं से ग्रामीणों में गुस्सा है। ग्रामीणों ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के साथ ही हाथियों के हमलों को रोकने के लिए कारगर उपाय करने की मांग की।