पिथौरागढ़: देवभूमि उत्तराखंड प्राग्रैतिहासिक मानवों की पनाहगाह रहा तो वहीं चक्रवर्ती सम्राटों की साधनास्थली भी...यहां आज भी अश्वमेघ यज्ञ के सबूत बिखरे पड़े मिलते हैं, पर अफसोस कि अब भी उत्तराखंड के इतिहास को लेकर उतनी गंभीरता से काम नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। हाल ही में पिथौरागढ़ में एक धर्मशाला खुदाई के दौरान सैकड़ों साल पुरानी नृसिंह की प्रतिमा मिली है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो ये खुद में एक महत्वपूर्ण खोज है, जो कि अनायास ही हो गई। दरअसल ऊपरी रामगंगा घाटी में मुवानी के मायल गांव में देवी मंदिर की धर्मशाला बनाने के लिए खुदाई हो रही थी। इसी खुदाई में भगवान नृसिंह की मूर्ति निकल आई, जिसे देख ग्रामीण हैरान रह गए। मूर्ति काफी प्राचीन है, ये मूर्ति नौवीं शताब्दी की बताई जा रही है। प्रतिमा ग्रेनाइट पत्थर से बनी है। खुदाई में एक और मूर्ति भी मिली है। खुदाई में प्रतिमा मिलने को गांव वाले ईश्वर का संकेत मान रहे हैं, प्रतिमा के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से मायल गांव पहुंच रहे हैं। आगे देखिए तस्वीरें