उत्तराखंड टिहरी गढ़वालGOOD NEWS FROM TEHRI GARHWAL

वाह..पहाड़ में ड्रोन से अस्पताल पहुंचाया गया ब्लड सैंपल..देश में ऐसा पहली बार हुआ..देखिए

टिहरी में ड्रोन ने 32 किमी की दूरी 18 मिनट में पूरी कर ब्लड सैंपल जिला अस्पताल पहुंचा दिया...ये तो वाकई कमाल है..

उत्तराखंड न्यूज: GOOD NEWS FROM TEHRI GARHWAL
Image: GOOD NEWS FROM TEHRI GARHWAL (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: विदेशों में आम हो चुकी ड्रोन तकनीक पहाड़ों के लिए वरदान साबित हो सकती है...दुर्गम पहाड़ी इलाकों में जरूरी सामान पहुंचाने से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल हो तो इसके अच्छे नतीजे समाने आएंगे...हाल ही में सीडी स्पेस कंपनी ने उत्तराखंड के पहाड़ों में ड्रोन का कमाल दिखाया। ड्रोन की मदद से सीडी स्पेस कंपनी ने ब्लड सैंपल को नंदप्रयाग पीएचसी से टिहरी के जिला अस्पताल पहुंचाया और आपको पता है 32 किलोमीटर के इस सफर को तय करने में कितना वक्त लगा...महज 18 मिनट, जी हां केवल 18 मिनट में ब्लड सैंपल नंदप्रयाग से टिहरी पहुंच गया। संभवत देश में ऐसा पहली बार हो रहा है। दरअसल सीडी स्पेस कंपनी ने स्वास्थ्य विभाग के सामने ये प्रस्ताव रखा गया है कि टिहरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों के ब्लड सैंपल ड्रोन से जिला अस्पताल भेजें जाएं। इसी सिलसिले में गुरुवार को सीडी स्पेस कंपनी ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन से ब्लड सैंपल एक से दूसरी जगह भेजने का डेमो दिखाया।

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इस दौरान ड्रोन नंदप्रयाग से ब्लड सैंपल लेकर केवल 18 मिनट में जिला अस्पताल पहुंचा। सीडी स्पेस रोबोटिक्स कंपनी ने पीएचसी-सीएचसी में आने वाले मरीजों का ब्लड व यूरिन आदि के सैंपल जांच के लिए ड्रोन से भेजने का प्रस्ताव रखा है। अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलती है तो ये तकनीक मरीजों के लिए काफी मददगार होगी। पहाड़ के दुर्गम इलाकों के मरीजों को ब्लड-यूरिन के सैंपल टेस्ट के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आईआईटी कानपुर के छात्रों ने डेमो के तौर पर ड्रोन का ट्रायल भी दिखाया। डीएम सोनिका ने बताया कि कंपनी ने ड्रोन सेवा को टेली मेडिसिन सेवा से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है, सभी पहलुओं की जांच के बाद ही इस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा। ड्रोन टीम के लीडर निखिल उपाध्याय ने बताया कि 10 से 12 लाख की लागत वाले इस ड्रोन की हवाई रेंज 50 किमी है।

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ये 400 ग्राम तक का भार उठा सकता है। पहाड़ों में इस तकनीक के इस्तेमाल से मरीजों को काफी सहूलियत होगी। दैनिक जागरण द्वारा इस पर वीडियो तैयार किया गया है। आप भी देखिए

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