उत्तराखंड नैनीतालsurabhi gehtori topper uttarakhand 10 th board

उत्तराखंड की टॉपर बिटिया...परचून की दुकान चलाने वाले पिता का मान बढ़ाया

हाईस्कूल टॉपर सुरभि गहतोड़ी ने बिना ट्यूशन के हाईस्कूल की परीक्षा में थर्ड टॉपर बन कमाल कर दिया...ये है सुरभि की सफलता का राज...

सुरभि गहतोड़ी: surabhi gehtori topper uttarakhand 10 th board
Image: surabhi gehtori topper uttarakhand 10 th board (Source: Social Media)

नैनीताल: पढ़ाई का प्रेशर बढ़ गया है, कंपटीशन तगड़ा है, सेल्फ स्टडी से कुछ नहीं होने वाला, ट्यूशन जरूरी है...ये जुमले अक्सर माता-पिता के मुंह से सुनने को मिलते हैं। पर अगर मेहनत की जाए तो बिना ट्यूशन के भी सेल्फ स्टडी कर सफलता हासिल की जा सकती है। अब कुमाऊं की हाईस्कूल टॉपर सुरभि गहतोड़ी को ही देख लीजिए, जिन्होंने हाईस्कूल की मेरिट में पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। कुमाऊं टॉपर रहीं सुरभि गहतोड़ी एसवीएम स्कूल, सितारगंज की छात्रा हैं। उनके पिता परचून की दुकान चलाते हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई में उन्होंने कोई कमी नहीं आने दी। माता-पिता का प्रोत्साहन मिला तो सुरभि ने हाईस्कूल में खूब मेहनत की और बन गईं टॉपर। कमाल की बात ये है कि सुरभि ने बोर्ड परीक्षा के लिए ट्यूशन नहीं ली। अपनी सफलता के बारे में सुरभि ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में सफल होने के लिए ट्यूशन नहीं समय का सही इस्तेमाल करना जरूरी है। मैंने बिना कोचिंग घर में ही पांच से छह घंटे पढ़ाई कर यह सफलता हासिल की है। स्कूल में कभी कोई पीरियड बंक नहीं किया। विषयों को पूरा करने के साथ लगातार रिवीजन करने से भी काफी मदद मिली।

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मेरिट में तीसरा स्थान हासिल करने वाली सुरभि बड़ी होकर इंजीनियर बनना चाहती है, और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वो मेहनत भी खूब कर रही हैं। सुरभि ने हाईस्कूल में 500 में से 498 अंक हासिल किए हैं। वो कहती हैं कि अभी ये केवल शुरुआत है मैं इंटरमीडिएट में भी खूब मेहनत करूंगी और कोशिश करूंगी कि प्रदेश में टॉप करूं। मेरे पिता घनश्याम गहतोड़ी की मोहल्ले में परचून की दुकान है, मां घर संभालती हैं। पिता के सपनों को पूरा करना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है। सुरभि की सफलता ने पूरे परिवार को गौरवान्वित किया है। हर जगह परचून की दुकान चलाने वाले दुकानदार की इस होनहार बेटी की चर्चा हो रही है। सुरभि ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही गुरुजनों को दिया। उन्होंने कहा कि अगर परिवार का सहयोग और गुरुजनों का आशीर्वाद साथ हो तो हर परीक्षा में सफलता हासिल की जा सकती है।