उत्तराखंड पिथौरागढ़FIRE IN JUNGLE IN UTTARAKHAND

पहाड़ में विकराल हुई जंगल की आग..स्कूल से घर जा रही बच्ची बुरी तरह झुलसी

जंगल में लगी आग में 8 साल की बच्ची बुरी तरह झुलस गई, उसे इलाज के लिए अल्मोड़ा रेफर किया गया है।

उत्तराखंड: FIRE IN JUNGLE IN UTTARAKHAND
Image: FIRE IN JUNGLE IN UTTARAKHAND (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पहाड़ के जंगलों में लग रही आग अब इंसानी जिंदगी को भी लील कर रही है। सवाल ये भी तो हो कि आखिर वन विभाग किस नींद में सो रहा है? एक दर्दनाक खबर पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से आ रही है, जहां जंगल में लगी आग से 8 साल की मासूम बुरी तरह झुलस गई। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वो 30 फीसदी तक झुसली हुई है। घटना सुतारगांव की है, जहां 8 साल की ममता भट्ट गंगोलीहाट में स्थित स्कूल में पढ़ने के लिए गई थी, ममता जिस प्राथमिक स्कूल में पढ़ती है वो उसके गांव से 4 किलोमीटर दूर स्थित है। गांव तक पहुंचने के लिए बच्ची को हर दिन 4 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, इस दौरान उसे घने जंगल से होकर जाना पड़ता है। शुक्रवार को भी हर दिन की तरह ममता स्कूल गई हुई थी, लेकिन वापस लौटते वक्त उसके साथ ऐसा दर्दनाक हादसा हो गया, जिसके बारे में उसने कभी नहीं सोचा था। छुट्टी होने के बाद ममता स्कूल से घर लौट रही थी, इसी दौरान गांव के लगे जंगल में लगी आग की चपेट में आकर छात्रा बुरी तरह झुलस गई।

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आग से उसके हाथ, चेहरा और पैर बुरी तरह से जल गए और कपड़े बदन से चिपक गए। उसकी चीख सुनकर घबराए बच्चों ने गांव पहुंचकर इसकी जानकारी लोगों को दी। इसके बाद गांव के लोगों ने ममता को सीएचसी गंगोलीहाट पहुंचाया। बच्ची करीब 30 फीसदी तक झुलस गई है, सीएचसी गंगोलीहाट में प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को इलाज के लिए अल्मोड़ा रेफर कर दिया गया है। बच्ची के पिता मजदूर हैं, वो मजदूरी कर किसी तरह घर चलाते हैं...उनकी बच्ची पर जो गुजर रही है उसने उन्हें तोड़कर रख दिया है। वहीं ग्रामीणों ने इस घटना को वन विभाग की लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में जंगल आग से धधक रहे हैं, लेकिन वन विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। ग्रामीणों ने पीड़ित बच्ची परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता देने के साथ ही ममता का इलाज कराने की भी मांग की।