उत्तराखंड UTTARAKHAND PEOPLE FACING PEOBLEM IN AANAND VIHAR BUS TERMINAL

उत्तराखंड के लिए बसों की किल्लत..दिल्ली में भटकने को मजबूर पहाड़ के लोग..खुद देख लीजिए

आप भी अगर इस परेशानी से जूझ चुके हैं, तो शेयर जरूर करें। ताकि जिम्मेदार लोगों तक ये आवाज पहुंच सके..

उत्तराखंड: UTTARAKHAND PEOPLE FACING PEOBLEM IN AANAND VIHAR BUS TERMINAL
Image: UTTARAKHAND PEOPLE FACING PEOBLEM IN AANAND VIHAR BUS TERMINAL (Source: Social Media)

: ‘बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज भी आनंद विहार से रात 8 बजे बाद रामनगर और हल्द्वानी के लिए कोई बस नहीं होती है...मैं खुद 9 बजे से दोनों ऑप्शन रामनगर और हल्द्वानी के लिए इंतजार कर रहा हूं, अभी रात के 11 बजकर 40 मिनट हो चुके हैं, लेकिन बस अब तक नहीं मिली। ये सब जानते हुए भी कि,इस समय सभी लोग किसी ना किसी वजह से अपने घर को जाते हैैं। मैं माननीय परिवहन मंत्री आदरणीय श्री यशपाल आर्य जी निवेदन करता हूं कि इसकी समुचित व्यवस्था करने की कृपा करें।’...ये शब्द लोनेसम जोशी के हैं, जो कि सोशल मीडिया पर बेहद वायरल हो रहे हैं। ये तस्वीरें देखकर आपको भी अंदाजा होगा कि वास्तव में दिल्ली में रहने वाले हर पहाड़ी का ये दर्द है...ये वो दर्द है जो कि दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर आने वाले हर पहाड़ी ने कभी ना कभी महसूस जरूर किया है, लेकिन इसे शब्द नहीं दे पाए। आज भी दिल्ली से पहाड़ के लिए आने वाले लोगों को बस अड्डे पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। यहां से उत्तराखंड राज्य के लिए गिनी-चुनी बसें चलती हैं, जिनमें सीट तो क्या खड़े रहने की जगह ही मिल जाए तो लोग खुद को धन्य मान लेते हैं। इन बसों में सीट हासिल करने के लिए खूब धक्कामुक्की होती है। जो लोग भीड़ में घुसने से डरते हैं उन्हें तो सीट मिलना नामुमकिन ही समझिए। आगे देखिए वो पोस्ट

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अगर आप अकेले हैं तो जैसे तैसे सब परेशानियां झेल लेंगे, लेकिन परिवार के साथ स्थिति और विकट हो जाती है। महिलाएं और बच्चे रात-रातभर बस अड्डे पर बस के आने का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन बस आती नहीं। मजबूरन लोगों को प्राइवेट गाड़ियों में धक्के खाने पड़ते हैं। हाल ही में लोनेशम के जोशी ने फेसबुक पर अपनी व्यथा से भरी एक पोस्ट लिखी, जो कि देखते ही देखते वायरल हो गई। अपनी पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे वो आईएसबीटी आनंद विहार पर हल्द्वानी के लिए बस का इंतजार कर रहे थे, तीन घंटे भटकने के बाद आधी रात को उन्हें पता चला कि रात 8 बजे के बाद रामनगर-हल्द्वानी के लिए कोई बस नहीं मिलती। पहाड़ जाने वाले परिवार, जिनमें छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं...बस अड्डे पर रातभर बस के आने का इंतजार करते हैं, कई बच्चे थककर सड़क किनारे ही बैठे नजर आते हैं।

बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज भी आनंद विहार से रात 8 बजे बाद रामनगर और हल्द्वानी के लिए कोई बस नहीं होती है, मै खुद 9...

Posted by Lonesum K. Joshi on Friday, May 10, 2019

पोस्ट में उन्होंने उत्तराखंड सरकार से दिल्ली से उत्तराखंड जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों की संख्या बढ़ाने की अपील भी की। ये मांग हर पहाड़ी पिछले कई साल से कर रहा है। देश की राजधानी से अपने पहाड़ पहुंचने तक का सफर यहां के लोगों के लिए किसी रण को फतह करने से कम नहीं है। आईएसबीटी पर मच्छरों की फौज और गंदगी में घंटों बिताने के बाद कहीं जाकर उन्हें अपने घर आने का सुख नसीब हो पाता है। इस मामले में उत्तराखंड सरकार को कुछ करना चाहिए...ताकि देश की राजधानी से पहाड़ तक का सफर सुखद और सुविधाजनक बन सके।