उत्तराखंड पिथौरागढ़student suicide in pithoragarh

पहाड़ में टीचर की डांट से परेशान छात्र ने की खुदकुशी, परिवार ने शिक्षा मंत्री से की अपील

इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र ने खुदकुशी कर ली। इस घटना से हर कोई सन्न है। फिलहाल परिजनों ने टीचर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

उत्तराखंड: student suicide in pithoragarh
Image: student suicide in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है...गुरु के मार्गदर्शन में छात्र अपने जीवन को संवारते हैं, लेकिन पिथौरागढ़ में एक टीचर ने छात्र को इस कदर परेशान किया कि उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। 17 साल का ये छात्र जिंदगी में कुछ बन सकता था, अपने माता-पिता के सपने पूरा कर सकता था, लेकिन प्रैक्टिकल परीक्षा में सवाल का जवाब ना दे पाने पर टीचर ने उसे इतना बेईज्जत किया कि उसे अपनी जान देनी पड़ी। एक वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक घटना मुवानी के इंटर कॉलेज की है जहां 12वीं में पढ़ने वाले छात्र ने खुदकुशी कर ली। छात्र के परिजनों ने स्कूल टीचर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। परिजनों की तरफ से मिली तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने स्कूल के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। परिजनों का आरोप है कि छात्र को प्रैक्टिकल में सवाल का जवाब ना देने पर टीचर ने डांटा था। यही नहीं टीचर ने इस बात की शिकायत छात्र के परिजनों से करने की धमकी दी थी।

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इस बात से छात्र इस कदर डर गया कि उसने अपनी परेशानी परिजनों को बताने की बजाय स्कूल के पीछे एक पेड़ पर फंदा लगा कर फांसी लगा ली। छात्र के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। परिजनों ने शिक्षा मंत्री से अपील की है कि स्कूलों के लिए मानक तय किए जाएं। अपनी अपील में परिजनों ने सवाल किया कि स्कूलों के लिए मानक तय क्यों नहीं किए गए हैं। छात्र बोर्ड परीक्षा को लेकर पहले ही परेशान हैं, उस पर उन्हें स्कूल में परेशान किया जाता है। बच्चा अपने मन की बात घर पर भी नहीं बता पाता। उत्तराखंड में निजी स्कूलों के लिए मानक तय नहीं हैं। ना फीस को लेकर मानक तय हैं, ना ही किताबों को लेकर। छात्रों का उत्पीड़न हो रहा है, छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। परिजनों ने शिक्षा मंत्री से निजी स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी करने की मांग की ताकि बुरा सलूक करने वाले टीचर्स को सबक मिले, और छात्रों का उत्पीड़न बंद हो सके।