उत्तराखंड देहरादूनStory of gunjan bhattrai of uttarakhand

देवभूमि की प्रतिभाशाली बेटी, जिसके तेज दिमाग की तारीफ मंत्री रेखा आर्य कर चुकी हैं

जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई-लिखाई की शुरुआत करते हैं, उस उम्र में उत्तराखंड की गुंजन भट्टराई ने गजब का काम किया है।

उत्तराखंड: Story of gunjan bhattrai of uttarakhand
Image: Story of gunjan bhattrai of uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: साल 1900 से लेकर 2021 की सभी तारीखें और उनके दिन तक रट डाले। उत्तराखंड की ये बच्ची लिटिल कैलेंडर के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, ये बात नन्हीं गुंजन को देखकर आसानी से समझी जा सकती है। गुंजन की उम्र महज 7 साल है, लेकिन उसके कारनामे देखकर बड़े-बड़े लोग भी अपने दांतों तले अंगुलिया दबा लेते हैं। इस बच्ची को सब लिटिल कैलेंडर के नाम से जानते हैं। दरअसल गुंजन को सन् 1900 से लेकर 2021 तक की किसी भी तारीख का दिन पता है। गुंजन दिखती तो साधारण बच्चों जैसी ही है, लेकिन जब लोग उससे किसी भी तारीख का दिन पूछते हैं, तो गुंजन अपने सही जवाब से उन्हें आश्चर्यचकित कर देती है। फिछले दिनों देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाशाली गुंजन को विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। छोटी सी गुंजन की इस उपलब्धि पर उसके माता-पिता बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।

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राजधानी में हुए एक कार्यक्रम में मेयर गामा और राज्य मंत्री रेखा आर्य ने इस बच्ची की प्रतिभा को खूब सराहा। इस दौरान दोनों ने नन्हीं गुंजन से कई तारीख और उनके दिन पूछे, नन्हीं गुंजन ने इन सभी सवालों का आसानी से जवाब दे दिया। यही नहीं एक शिक्षिका ने 1961 की एक तारीख का दिन पूछा तो उसका जवाब भी गुंजन ने झट से दे दिया। 7 साल की गुंजन भट्टराई एनमैरी स्कूल में पढ़ती है। वो कक्षा एक की छात्रा है। गुंजन के माता-पिता का कहना है कि उनकी बच्ची को बचपन से ही कैलेंडर्स और दिनों को याद करने में दिलचस्पी रही है। उन्होंने भी गुंजन के इस टैलेंट को पहचाना और उसे प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया। अपने टैलेंट की बदौलत आज वो लिटिल कैलेंडर गर्ल के रूप में पहचान बना चुकी है। राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से इस छोटी सी परी को हार्दिक शुभकामनाएं।