उत्तराखंड Uttarakhand boy came first in asia chess ranking

उत्तराखंड: 8 साल के बच्चे ने गजब कर दिया, शतरंज में एशिया का नंबर-1 खिलाड़ी बना

उत्तराखंड के 8 साल के बच्चे ने वो कर दिखाया है, जो वास्तव में हर किसी को हैरान कर सकता है। पूरा एशिया इस बच्चे की प्रतिभा को सलाम कर रहा है।

उत्तराखंड: Uttarakhand boy came first in asia chess ranking
Image: Uttarakhand boy came first in asia chess ranking (Source: Social Media)

: कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, उत्तराखंड के आठ साल के सद्भव रौतेला ने इस कहावत को साबित कर दिखाया है। नन्हीं सी उम्र में ही पहाड़ के 8 साल के बच्चे ने कमाल कर दिखाया है और पूरे एशिया में नंबर वन रैंकिंग हासिल कर दी है। शतरंज के खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके सद्भव फिडे (FIDE) की हालिया जारी सूची में 1800 रेटिंग हासिल कर एशिया के नंबर वन खिलाड़ी बन गए हैं। उत्तराखंड में होनहारों की कमी नहीं है। आठ साल की जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाना सीखते हैं, उस उम्र में सद्भव रौतेला शतरंज में एशिया के नंबर वन खिलाड़ी बन गए हैं। शतरंज के बड़े-बड़े धुरंधर भी उनके दिमाग का लोहा मानते हैं। सद्भव बागेश्वर के रहने वाले हैं। फिडे की हालिया जारी रेटिंग में सद्भव ने अंडर-9 आयु वर्ग में उज्बेकिस्तान के खुमोयुन बागमुरातोव को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष पर कब्जा जमाया। आपको हम आगे भी कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं...ये भी जानिए।

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शतरंज के खेल में ये उपलब्धि हासिल कर उन्होंने उत्तराखंड के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है। पिछले साल दिल्ली में हुई नेशनल जूनियर चेस प्रतियोगिता में 8 साल के सद्भव ने अपने शानदार खेल से 54 ईएलओ प्वाइंट हासिल किए थे। ये प्रतियोगिता 28 नवंबर से 6 दिसंबर तक आयोजित हुई थी। सद्भव इससे पहले अगस्त 2018 में 1617 रेटिंग प्वाइंट के साथ नेशनल अंडर-8 वर्ग में पहले स्थान पर थे। सद्भव के बड़े भाई समक्ष रौतेला ने भी शतरंज के इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं। सक्षम को वर्तमान में 2123 रेटिंग हासिल है। चेस एसोशिएशन आफ उत्तरांचल ने सद्भव को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी है। फिलहाल राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से भी नन्हे से सद्भव को हार्दिक शुभकामनाएं। इसी तरह से अपने खेल पर फोकस कीजिए। अपना नाम रोशन कीजिए, उत्तराखंड का नाम रोशन कीजिए, देश का नाम रोशन कीजिए।