उत्तराखंड Research over himalaya

खतरे में हिमालय, खतरे में पहाड़..वैज्ञानिकों की बड़ी रिसर्च में बड़ा खुलासा!

ये खबर वास्तव में हैरान करती है। अगर ये रिसर्च सच साबित हुई तो मानव सभ्यता और प्रकृति पर गहरा असर पड़ सकता है।

उत्तराखंड: Research over himalaya
Image: Research over himalaya (Source: Social Media)

: हिमालय खतरे में है, पहाड़ खतरे में है। हिमालय रेंज में कैंसर की तरह बढ़ रहा ब्लैक कार्बन हिमालय के अस्तित्व के लिए घातक साबित हो रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो हिमालय रेंज में ब्लैक कार्बन की मात्रा बढ़ने की वजह से ग्लेशियरों से बर्फ तो पिघल रही है साथ ही हिमालय में हर साल पड़ने वाली बर्फ भी नहीं रुक रही। अगर ऐसा लगातार रहा तो आने वाले समय में हम इंसानों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा। इसका मतलब हिमालय के साथ-साथ ये खतरा हमारे अस्तित्व पर भी मंडरा रहा है। हिमालय के इस दुश्मन का पता वाडिया भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने लगाया है। ब्लैक कार्बन बढ़ने की वजह से आने वाले समय में हिमालय में पड़ने वाली बर्फ में कमी हो जाएगी।

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वाडिया भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों के रिपोर्ट के अनुसार हिमालय में ब्लैक कार्बन की मात्रा सामान्य से ढाई गुना बढ़कर 1899 नैनोग्राम जा पहुंचा है। ब्लैक कार्बन ग्लेशियर की बर्फ को पिघलाने में आग में घी काम करती है। साथ ही तापमान बढ़ने से पूरे हिमालय का इकोसिस्टम प्रभावित हो रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी तक देश में कभी भी ब्लैक कार्बन उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मापा नहीं गया था। पहली बार वाडिया संस्थान ब्लैक कार्बन मापने के यंत्र को गंगोत्री के चीढ़ बासा और भोज बासा क्षेत्र में लगाया। इसके बाद बेहद ही चौंकाने वाले तथ्य वैज्ञानिकों के सामने आया हैं। हिमालय रेंज में ब्लैक कार्बन की मात्रा बढ़ने से ग्लेशियरों से बर्फ तो पिघल रही है साथ ही हिमालय में हर साल पड़ने वाली बर्फ भी रुक नहीं रही है। जिससे एक बड़ा संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में पानी की कितनी भारी कमी हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस ब्लैक कार्बन को नियंत्रित नहीं किया गया तो ये मानव सभ्यता और प्रकृति के लिए घातक साबित होगा।