उत्तराखंड देहरादूनcold waves in uttarakhand

उत्तराखंड में कड़ाके की सर्दी, बीते 10 सालों का रिकॉर्ड टूटा..5 जिले सावधान रहें!

उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट बदली और पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। इस बार मौसम ने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

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Image: cold waves in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार बर्फबारी, बारिश और ओलावृष्टि ने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नवंबर के पहले हफ्ते में बारिश और बर्फबारी से बीते 10 सालों का रिकॉर्ड टूटा है। उत्तराखंड में 10 सालों के बाद नवंबर के महीने में अधिकतम तापमान 25.8 रहा। जबकि इससे पहले के सालों में ऐसा नहीं था। साल 2008 से साल 2017 तक उत्तराखंड में नवंबर के पहले दो हफ्तों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा लेकिन इस बार य तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रहा है। औसत न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस रहा। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे ऊंचे स्थानों में पारा शून्य तक जा रहा है।पहाड़ों में बर्फबारी होने और सर्द हवाएं चलने की वजह से इसका असर शहरों में भी देखा जा रहा है। आइए आपको बीचे दस सालों का तापमान दिखाते हैं।

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(08 नवंबर) 2008 का अधिकतम तापमान-30.3
(02 नवंबर) 2009 का अधिकतम तापमान- 31.4
(07 नवंबर) 2010 का अधिकतम तापमान-30.1
(09 नवंबर) 2011 का अधिकतम तापमान- 29.9
(04 नवंबर) 2012 का अधिकतम तापमान- 29.0
(28 नवंबर) 2013 का अधिकतम तापमान- 28.6
(09 नवंबर) 2014 का अधिकतम तापमान- 30.0
(01 नवंबर) 2015 का अधिकतम तापमान- 30.5
(03 नवंबर) 2016 का अधिकतम तापमान- 31.6
(04 नवंबर) 2017 का अधिकतम तापमान- 30.5
(13 नवंबर) 2018 का अधिकतम तापमान- 25.8

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इसके अलावा मौसम विभाग का कहना है कि अभी और भी ज्यादा ठंड बढ़ेगी। पहाड़ों में अभी सीज़न की पहली बर्फबारी चल रही है और अभी कई दौर की बर्फबारी होने बाकी है। ऐसे में लोगों को और भी ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। मंगलवार को एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है। ऊंची चोटियों पर हिमपाल हो रहा है, जबकि निचले इलाकों में बारिश हो रही है। इससे लोगों की परेशानी और बी ज्यादा बढ़ रही है। खासतौर पर रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, टिहरी, उत्तरकाशी में लोगों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। बर्फबारी और बारिश का ये दौर आगे भी बरकरार रहेगा। इसलिए और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत हैं।