उत्तराखंड CNG pipe line in uttarakhand

उत्तराखंड में बिछेगी CNG गैस पाइपलाइन, 22 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास

22 नवंबर को पीएम मोदी उत्तराखंड से रूबरू होंगे। दरअसल ये दिन उत्तराखंड के लिए खास इसलिए होगा क्योंकि इस दिन मोदी सीएनजी गैस लाइन का शिलान्यास करेंगे।

cng pipe line: CNG pipe line in uttarakhand
Image: CNG pipe line in uttarakhand (Source: Social Media)

: उत्तराखंड को सीएनजी गैस पाइप लाइन का तोहफा मिलेगा। पीएम मोदी 22 नवंबर को इसका शिलान्यास करेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार से इसकी मंजूरी मिल गई है। पहली गैस पाइप लाइन देहरादून से हरिद्वार के बीच बिछाई जाएगी। दो साल के भीतर ये प्रोजक्ट पूरा कर लिया जाएगा और इसका सीधा फायदा पर्यावरण को मिलेगा। पाइप लाइन बिछ जाने से घर घर में सीएनजी पहुंचेगी। आइए अब आपको इसके फायदे भी बता देते हैं। भारतीय शोधकर्ताओं के एक ताजा रिसर्च की है। इसमें पाया गया है कि पर्यावरण के लिए डीजल और पेट्रोल की तुलना में सीएनजी ज्यादा स्वच्छ एवं सुरक्षित ईंधन है। पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमत की वजह से कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस से गाड़ी चलाना काफी फायदे का सौदा हो गया है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - गढ़वाल के बडेथ गांव का लड़का बना PCS अधिकारी, पिता चाय की दुकान चलाते हैं
औद्योगिक चैंबर एसोचैम की रिपोर्ट कहती है कि अगर कोई पेट्रोल को छोड़कर सीएनजी से गाड़ी चलाए तो वो हर महीने 6 से 8 हजार रुपये की बचत कर सकता है। ये ही वजह है कि देश की राजधानी दिल्ली में अब लोग सीएनजी के इस्तेमाल की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। एसोचैम के अनुसार पेट्रोल और डीजल की तुलना में सीएनजी की कीमत काफी कम है। इसके साथ ये साफ और स्वच्छ ईंधन है। रिपोर्ट कहती है कि पेट्रोल से गाड़ी चलाने में जितना खर्च आता है, उसके मुकाबले सीएनजी से गाड़ी चलाने में 70 फीसदी कम खर्च आता है। दूसरे शब्दों में कहें तो CNG से गाड़ी चलाना, आम आदमी की पहुंच में बना है। दिल्ली, मुंबई और गुजरात में लोग अब पेट्रोल, डीजल की जगह सीएनजी और एलपीजी को ही तरजीह दे रहे हैं। इसके अलावा भी कुछ खास बातें हैं।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - Video: उत्तराखंड दिवस पर सुनिए ये बेहतरीन गीत, अपने-अपने गांव को याद कीजिए
पर्यावरण के लिहाज से सीएनजी कैसे फायदेमंद है,ये भी आपको बता देते हैं। दरअसल एक रिसर्च कहती है कि सीएनजी इंजन से निकलने वाले कणों का लोवर सरफेस एरिया डीजल और पेट्रोल इंजन से निकलने वाले कणों के मुकाबले कम होता है। इस वजह से पर्यावरण में विषैली गैस नहीं फैलती। सीएनजी इंजन से निकलने वाले कण पेट्रोल या फिर डीजल की तुलना में कम पीएच ऑब्जर्व करते हैं। CNG इंजन के मुकाबले में डीजल इंजन से 30-50 गुना सूक्ष्म कणों का उत्सर्जन होता है। इससे सीधा नुकसान इंसान के फेफड़ों और पर्यावरण को पहुंचता है। कुल मिलाकर कहें तो अब उत्तराखंड में भी सीएनजी पाइपलाइन बिछने जा रही है। बताया जा रहा है कि 2 साल के भीतर इसका काम पूरा होगा और सीधा फायदा आम जनता को मिलेगा।