उत्तराखंड देहरादूनoyo rooms to invest in uttarakhand

उत्तराखंड में 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार, अब हो जाइए तैयार..हो गया ऐलान!

उत्तरांड में करीब 190 हजार लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तौर पर रोजगार से जोड़ने की बड़ी शुरुआत हो रही है।

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Image: oyo rooms to invest in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: ये कोई छोटी मोटी कंपनी नहीं बल्कि ओयो रूम्स है। ओयो रूम्स के मालिक रितेश अग्रवाल के बारे में कहा जाता है कि कभी वो देहरादून और मसूरी आए थे और यहीं से सीख लेकर अपनी कंपनी की शुरूआत की थी। आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 6 हजार करोड़ से ज्यादा है। अब रितेश अग्रवाल देवभूमि के हजारों बेरोजगार युवाओं को एक बड़ा तोहफा देने के लिए तैयार हैं। सरकार के साथ रितेश अग्रवाल की ओयो कंपनी ने 500 करोड़ के निवेश एमओयू के तहत करने का प्लान तैयार किया है। उत्तराखंड में हॉस्पिटेलिटी ईको सिस्टम का निर्माण कर ओयो यहां की पर्यटन क्षमता को बढ़ाने के लिए निवेश करने जा रही है। देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी, हल्द्वानी, हरिद्वार, नैनीताल, काशीपुर, भवाली, मुक्तेश्वर, भीमताल, रुड़की, लैंसडाउन, अल्मोड़ा, बिनसर और रानीखेत में होटल नेटवर्क में 35 हजार से ज्यादा रूम्स को अपने साथ जोड़ा जाएगा और एक बड़ी चेन तैयार की जाएगी।

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खुद ओयो के मालिक रितेश का कहना है कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में ये एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके जरिए उत्तराखंड के 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का उपलब्ध कराया जाएगा। रितेश ने 17 साल की उम्र में इंजीनियरिंग छोड़ी और इस कंपनी की शुरुआत की थी। रितेश को ये आइडिया तब आया जब वो साल 2009 में देहरादून और मसूरी घूमने गए। रितेश ने देखा कि ऑनलाइन होटल का बिजनेस कहीं नहीं है। रितेश ने सोचा कि क्यों ना एक ऐसी वेबसाइट बनाई जाए जहां लोगों को सस्ते दामों में होटल मिल सकें। कहा जाता है कि इसकी शुरुआत रितेश ने मसूरी और देहरादून के होटल्स से ही की है। रितेश कहते हैं कि शुरुआती दिनों में उनके पास किराया देने के लिए भी पैसे नहीं थे। उन्होंने कई रातें सीढ़ियों पर बिताई हैं।

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कुछ रिपोर्टस कहती हैं कि रितेश ने इसके लिए सिम बेचकर कमाई का जरिया भी अपनाया। पहले रितेश ने इस वेबसाइट का नाम 'ओरावल' रखा था। लेकिन नाम की वजह से लोग इस वेबसाइट पर नहीं आ रहे थे। इसके बाद 2013 में इसका नाम बदल कर OYO Rooms रख दिया। आज पूरे देश में इस कंपनी के पास 8,500 होटलों में 70,000 से भी ज्यादा कमरे हैं।वो शुरू से ही बिल गेट्स और स्टीव जॉब्स के फैन रहे हैं। अपना काम शुरू करने के लिए रितेश के सामने फंडिंग और मार्केटिंग जैसी तमाम परेशानियां आई। लेकिन बेहतरीन टीम वर्क और शानदार गाइडेंस की बदौलत वो आगे बढ़ते गए। वास्तव में किसी भी कंपनी की सफलता उसके पीछे की गई कड़ी मेहनत का नतीजा होती है।