देहरादून: उत्तराखंड के लिए एक शानदार खबर है। खास तौर पर पहाड़ी इलाकों के लिए ये एक अच्छी खबर साबित हो सकती है। जी हां अब आपको पेट्रोल भरवाने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। ऐसा देश में पहली बार हो रहा है कि किसी राज्य में पोर्टेबल यानी चलते फिरते पेट्रोल पंप खुलेंगे। सरकार यहां चलते फिरते पेट्रोल पंप खोलने जा रही है। देश में सबसे पहले ये प्रोजक्ट उत्तराखंड से शुरू होगा। इन पोर्टेबल पेट्रोल पंपों को हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा। खास तौर पर ये चलते फिरते पेट्रोल पंप ऐसे पहाड़ी क्षेत्रों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे, जहां दूर दूर तक कोई पेट्रोल पंप ही नहीं है। आपदा और सड़क बंद होने की स्थिति में इन पेट्रोल पंपों से आम लोगों को फायदा मिलेगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए एक बड़ा ग्रुप निवेश करने जा रहा है।
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एलिंज ग्रुप इसके लिए उत्तराखंड में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है। राज्य में कई जगहों पर सौ-सौ किलोमीटर की दूरी तक कोई पेट्रोल पंप नहीं है। 800 करोड़ में पहाड़ के अलग अलग जिलों में ऐसे पेट्रोल पंप तैयार होंगे। आपको बता दें कि खासतौर पर चार धाम यात्रा के दौरान सबसे बड़ी परेशानी होती है। चारधाम यात्रा के रास्ते पर दूर दूर तक पेट्रोल पंप ही नहीं है। इसके अलावा ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में सीमित पेट्रोल पंप ही हैं। इस वजह से पेट्रोल डीजल भरने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर बरसात के वक्त तो पेट्रोल की सप्लाई ही ठप पड़ जाती है। इस वजह से उत्तराखंड में ये व्यवस्था कारगर साबित हो सकती है। इसके लिए एलिंज कंपनी के एमडी इंद्रजीत प्रुथी ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की।
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इस मुलाकात के दौरान सीएम के औद्योगिक सलाहकार डा. केएस पंवार भी शामिल थे। एलिंज कंपनी द्वारा इस दौरान इस योजना का खाका पेश किया गया। आपको बता दें कि पेट्रोल अति ज्वलनशील होता है। इसलिए इसकी बिक्री के मानक बेहद कड़े होते हैं। सके लिए जमीन के अंदर काफी गहराई में लोहे का टैंक स्थापित किया जाता है। अब तक जमीन के ऊपर पेट्रोल-डीजल की बिक्री की इजाजत नहीं थी। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा इस नीति में संशोधन किया गया है। अब पोर्टेबल पंप संचालन को मंजूरी दे दी गई है। सुरक्षा मानकों के हिसाब से जमीन के ऊपर पेट्रोल-डीजल की बिक्री की जा सकती है। इस मंजूरी के बाद इस तरह का काम करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखंड ही होगा। चलते-फिरते पेट्रोल पंप का आवंटन राज्य सरकार ही करेगी।