उत्तराखंड daat kaali tunnel and mohakampur rob work to complete befor dehradun invesrter meet

देवभूमि को दो सौगात, मोदी के आते ही शुरू होगी डाट काली टनल और मोहकमपुर ROB

उत्तराखंड के लिए दो अच्छी खबरें हैं। बताया जा रहा है कि 7 अक्टूबर से पहले डाट काली टनल और मोहकमपुर आरओबी को आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

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Image: daat kaali tunnel and mohakampur rob work to complete befor dehradun invesrter meet (Source: Social Media)

: उत्तराखंड के लिए दो अच्छी खबरें हैं। खबर है कि पीएम मोदी सात अक्टूबर को देहरादून आ रहे हैं। उससे पहले ही उत्तराखंड की पहली डबल लेन टनल और मोहकमपुर आरोबी आम लोगों के लिए खोल दिए जाएंगे। अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंता हरिओम शर्मा ने इस बात की जानकारी दी है। उनका कहना है कि चार अक्टूबर को मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इससे आम लोगों को बेहद राहत मिलेगी। देहरादून से पहाड़, ऋषिकेश, हरिद्वार को इससे बड़ी राहत मिलने जा रही है। इसके अलावा डाट काली डबल लेन टनल के खुलने से देहरादून से सहारनपुर और दिल्ली जाने वालों के को राहत मिल सकेगी। बताया जा रहा है कि दोनों परियोजनाओं को 4 अक्टूबर तक पूरा करने के लिए जोर-शोर से काम चल रहा है।

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ये दोनों ही परियोजनाएं करीब 100 करोड़ की लागत से तैयार हो रही हैं। दरअसल 7 और 8 अक्टूबर को देहरादून में इनवेस्टर्स मीट है। इनवेस्टर्स मीट का उद्घाटम खुद पीएम मोदी द्वारा किया जाना है। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार पर इन दोनों परियोजनाओं को पूरा करने का भारी दबाव है। इस वजह से देहरादून और उसके आसपास की सड़कों को गड्ढामुक्त किया जा रहा है।इस वक्त सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या हरिद्वार -देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग है। मोहकमपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास रेलवे ओवर ब्रिज तैयार हो रहा है और इस वजह से यहां भारी जाम की समस्या बनी रहती है। 43 करोड़ की लागत से बन रहे इस रेलवे ओवर ब्रिज को 4 अक्टूबर को खोले जाने की खबर है। इस रेलवे ओवर ब्रिज को आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है।

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इसके अलावा डाट काली टनल पर सरकार का मुख्य फोकस है। 57 करोड़ लागत से तैयार हुई इस सुरंग के खुलने से लोगों को बेहद राहत मिल सकेगी। ये राज्य का पहला ऐसा प्रोजक्ट है, जिसे ईपीसी यानी इकनॉमिक प्रिक्योरमेंट सिस्टम के तहत तैयार किया गया है। इस सुरंग का दीदार आप भी कर सकेंगे क्योंकि इसके दोनों तरफ से पैदल चलने के लिए फुटपाथ भी बनाया गया है।31 अक्टूबर 2017 को इस सुरंग का काम शुरू किया गया था और इसे पूरा कर ने का लक्ष्य 30 मई 2019 तक का रखा गया था। इस टनल के बनने के बाद भी पुरानी टनल का अपना अस्तित्व और महत्व बना रहेगा। देहरादून की तरफ से डाट काली मंदिर जाने के लिए भी वह मार्ग के तौर पर उपयोग में लाई जाती रहेगी। डाट काली मंदिर के पास बनी पहली टनल 1821 - 23 के बीच दून के तत्कालीन असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट एफजे शोर ने कराया था। तब सहारनपुर जिले को राजपुर मसूरी से जोड़ने के लिए इसका निर्माण कराया गया था। अब करीब दो सौ साल बाद एक नई सुरंग बनकर तैयार है।