: सवाल ये है कि 21वीं सदी में आधुनिकता की बात करने वाले उत्तराखंड में ये स्थिति पनपी ही क्यों ? क्यों एक मां बेबस है ? क्यों एक मासूम सी बेटी तिल तिल कर जीने के लिए मजबूर है? क्यों उस मां को अपना पेट काटकर दो जून की रोटी का जुगाड़ करना पड़ता है ? पहाड़ की एक मां घुट घुटकर जी रही है और आधुनिकता की बात करने वाले अंतरिक्ष में घर बसाने की बात कर रहे हैं। इससे ज्यादा शर्म की बात क्या होगी ? पहाड़ के समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने पहाड़ की ही एक दिल झकझोर देने वाली कहानी बताई है। अब खुद रोशन रतूड़ी इस मां सुनीता देवी की मदद के लिए आगे आए हैं। वो हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि रुद्रप्रयाग जिले की इस मां को सभी सुख सुविधाएं मिल सकें। आइए इस बारे में आपको कुछ जानकारियां दे देते हैं।
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रोशन रतूड़ी ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले के जखोली के पौंठी गांव की सुरहने वाली सुनिता देवी बीते 14 सालों से गरीबी की मार झेल रही है। सुनिता देवी के पति 14 साल पहले अपने गांव से लापता हो गए थे। सुनीता देवी अपने पति के वापस आने की राह देखती रही लेकिन पति कभी वापस नहीं लौटा। इसके बाद तो सुनीता देवी ने आस ही छोड़ दी। सुनीता देवी के पास रहने के लिए मकान नहीं है और वो अपनी 14 साल की बच्ची के साथ एक टिन के छप्पर में रहने को मजबूर है।ना तो सुनीता के पास जानवरों को रखने के लिए गौशाला है, ना ही घर में खाने पीने के लिए कोई साधन है। बस किसी तरह से सुनीति अपना पेट काटकर एक छोटी सी बच्ची का पेट पालती है। आधुनिकता के इस दौर में सुनीता देवी के पास टॉयलट-बाथरूम, पानी और गैस-सिलेंडर तक की सुविधा नहीं है।
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कुछ लोगों से रोशन रतूड़ी की बातचीत हुई तो पता चला कि सुनीता देवी को सभी सरकारी योजनाओं से वंचित रखा गया है । उन्हें जलागम द्वारा गाय लेने के लिए 29500 रूपये की राशि प्राप्त हुई थी, मगर ग्राम प्रधान पौंठी द्वारा संपूर्ण राशि वापस मांगी गई और उन्हें 14000 रूपये की राशि दी गई। हालत ये है कि सुनीता देवी के परिवार का नाम बीपीएल परिवार की लिस्ट में भी शामिल नहीं है। अब रोशन रतूड़ी अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही सुनीता देवी के भले दिन आएंगे।
दोस्तों रूद्रप्रयाग मैं बहुत ज़्यादा बारिश होने के बावजूद भी आज RR Humanity -1st Uttrakhand की टीम ज़िला-रूद्रप्रयाग ,बहन सुनीता देवी जी के गाँव उनके घर पहुँची और उनसे बात की । आप सब भी सुनिए बहन सुनीता जी क्या कह रही है ..??
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हमारी एक मोहिम से कितना असर हुआ ...??
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हम सब मिलकर दुसरे दुखी लोगों के लिए बहुत कुछ कर सकते है । बस एकता होनी चाहिए । विश्वास होना चाहिए ।
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RR टीम के सदस्य अनिल जी व सभी का दिल से धन्यवाद ।
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RR Humanity -1st Uttrakhand
Posted by Roshan Raturi RR on Sunday, September 23, 2018