उत्तराखंड रुद्रप्रयागnew kedarpuri work in final touch

महाप्रलय के 5 साल बाद..नए अवतार में दर्शन देने को तैयार बाबा केदारनाथ

केदारनाथ की महाप्रलय के बाद केदारनाथ बाबा अब नए अवतार में दर्शन देने के लिए तैयार हैं। जानिए किस तरह से केदार बाबा को तैयार किया जा रहा है।

new kedarpuri work in final touch: new kedarpuri work in final touch
Image: new kedarpuri work in final touch (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: जून 2013 में उत्तराखंड में आई जलप्रलय ने केदारनाथ धाम को काफी नुकसान पहुंचाया था। लेकिन 5 साल बाद त्रासदी का दंश झेल चुकी केदारपुरी नए अवतार के साथ लोगों को दर्शन देने वाली है। मंदिर औऱ उसके परिसर को नए कलेवर में आखिरी रूप में संवारने का काम जोरो से जारी है। इसके लिए यहां लगे अधिकारी और मजदूर लगातार कड़ी मेहनत कर रहे है। ताकि भक्त यहां इस बार बाबा केदार के नए रूपरंग में दर्शन कर सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट में शामिल केदारपुरी के तीन कार्यों को सबसे तेजी से पूरी किया जा रहा है। इसमें तीर्थ पुरोहितों के लिए आवास, सरस्वती और मंदाकिनी नदी के संगम पर घाट और सेंट्रल प्लाजा शामिल है। राज्य सरकार इन तीन कामों को प्रधानमंत्री के अक्टूबर महीने के संभावित दौरे से पहले पूरा करने की कोशिश कर रही है।
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खबर है कि 7 अक्टूबर को पीएम मोदी केदारनाथ यात्रा पर आ रहे हैं। अब प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए इसके काम में और तेजी लाई गई है। मंदिर का आंगन बनकर तैयार हो चुका है जहां से भगवान के दिव्य और भव्य दर्शन हो सकेंगे। केदारनाथ धाम पहुंचने पर हेलीपैड से अब लगभग 15 मीटर चौड़ा औऱ 365 मीटर लंबा मार्ग बनाया जा रहा है। ये मार्ग हेलीपैड से सेंट्रल प्लाजा तक जाता है। सड़क मार्ग के अलावा सेंट्रल प्लाजा में भी निर्माण का काम अपने आखिरी चरण पर है। वही सेंट्रल प्लाजा से मंदिर तक जाने के लिए पहले के मुकाबले चौड़ी सीढ़ियां तैयार की गई है, जिनके दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। भक्तों को चढ़ाई के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साइड में रेलिंग लगाई जाएगी। इसके साथ ही मंदिर के दोनों छोर पर मंदाकिनी नदी और सरस्वती में रिटेनिंग वॉल बनायी जा रही है।
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मंदाकिनी में 380 मीटर के हिस्से पर इसका निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि सरस्वती नदी में 390 मीटर हिस्से पर इस दीवार को बनाने का काम चल रहा है। दोनों नदियों के संगम स्थल पर घाट का काम आखिरी दौर पर है। वही केदारनाथ पहुंचने वाले भक्तों के ठहरने के लिए भी आवास की व्यवस्था की जा रही है। बाबा केदारनाथ धाम करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। 2013 में आई त्रासदी में मंदिर को छोड़कर बाकी पूरे परिसर तबाह हो गया था। जिसके बाद से इसके पुनर्निर्माण का काम लगातार जारी है।