उत्तराखंड Bipin rawat and ajit doval may visit uttarakhand border

उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ..एक्शन में आए अजित डोभाल और बिपिन रावत!

एक तरफ उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ और दूसरी तरफ देवभूमि की रक्षा को तैयार दो पहाड़ी शेर। जनरल बिपिन रावत और NSA अजित डोभाल ने कमर कस दी है।

bipin rawat: Bipin rawat and ajit doval may visit uttarakhand border
Image: Bipin rawat and ajit doval may visit uttarakhand border (Source: Social Media)

: ये वो दो चेहरे हैं, जो उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ही ताल्लुक रखते हैं। एक नाम है NSA अजित डोभाल, जिन्हें इंडिया का जेम्स बॉन्ड कहा जाता है। जनरल बिपिन रावत, जो कि इस वक्त देश के आर्मी चीफ हैं। ये दोनों चेहरे इसलिए भी खास हैं क्योंकि चीन को डोकलाम में मात देने के पीछे इन्हीं की रणनीति और कूटनीति ने काम किया था। अब एक बार फिर से चीन ने भारत पर नज़र डालने की हिमाकत की है। बताया जा रहा है कि ये खबर NSA अजित डोभाल और आर्मी चीफ बिपिन रावत तक पहुंच चुकी है। खबर है कि दोनों ही दिग्गजों ने इस पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। इस बारे में दोंनों की तरफ से सुरक्षा एजेंसियों को संक्रिय करने की खबर है और पल पल की जानकारी जुटाने के आदेश देने की भी खबरें हैं। इसके अलावा भी कुछ और भी खास बातें हैं।

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आपको याद होगा कि जब डोकलाम विवाद शुरू हुआ था, तो आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने साफ तौर पर कह दिया था कि अब चीन भारत को कमजोर ना समझे क्योंकि ये 21 वीं सदी है और हालात अब 1962 जैसे नहीं रह गए। उन्होंने कहा था कि ‘चीन अगर मजबूत है तो भारत भी अब कमजोर नहीं है। भारत अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा। अब हालात 1962 जैसे नहीं हैं। हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है’। उस वक्त ही जनरल रावत ने कह दिया था कि ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पास बीजिंग की ओर से दबाव बनाया जा रहा है’। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ‘भारत किसी भी देश को अपनी जमीन में घुसपैठ नहीं करने देगा’। उस दौरान बिपिन रावत के इस बयान से चीन कलप गया था।

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जब बिपिन रावत ने ये बयान दिया था तो चीन ने कहा था कि ‘ऐसा बयान ड्रैगन को उकसाने के लिए किया जा रहा है।’ खैर उसी दौरान NSA अजित डोभाल चीन में ब्रिक्स दौरे के लिए गए थे और इसके बाद ही डोकलाम विवाद का हल निकला था। माना जाता है कि डोकलाम का हल निकालने के पीछे NSA अजित डोभाल का ही दिमाग था और जनरल बिपिन रावत का भरोसा था। उस वक्त सेना ने नरेंद्र मोदी सरकार को भरोसा दिया था कि वो चीन को माकूल जवाब देने के लिए तैयार हैं। अब एक बार फिर से बताया जा रहा है कि देश के दो दबंग एक बार फिर से चीन को माकूल जवाब देने के लिए तैयार हो रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्द- ही जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड से सटी चीन सीमा का दौरा कर सकते हैं। देखना है कि आगे क्या क्या होता है।