चमोली: जोशीमठ के सैकड़ों घरों में दरारे आ चुकी हैं।
chamoli joshimath ground zero report
हालात तो यहां तक पहुंच चुके हैं कि जोशीमठ के कई हिस्सों में 70 सेंटीमीटर तक जमीन धंस चुकी है जो कि बेहद चिंताजनक है। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ शहर के कई हिस्सों में जमीन में क्रैक की जांच करने वाले अधिकारियों का कहना है जेपी कॉलोनी के अंदर बैडमिंटन कोर्ट में और उसके आसपास 70 सेंटीमीटर तक भू धंसाव हुआ है। वही मनोहर बाग में 7 से 10 सेंटीमीटर तक जमीन धंसी है। वही भूविज्ञान एसपी सती ने बताया कि जोशीमठ के कुछ हिस्सों में 70 सेमी तक भू धंसाव देखा गया है जबकि अन्य क्षेत्रों में यह कुछ इंच की है। ऐसे में यह पता लगाना जरूरी है फिर इन जगहों पर ज्यादा ज़मीन क्यों धंस रही है। आगे पढ़िए
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वहीं सरकार लोगों को सुरक्षित विस्थापित कर रही है। नगर पालिका के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है, जिसमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा। बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट की बैठक से पहले जोशीमठ को लेकर बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में फिलहाल किसी का घर नहीं तोड़ा जाएगा। वहीं अब तक सरकार 90 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है। इसके अलावा डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रभावित लोगों को देने की कार्रवाई जारी है।।सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा के लिहाज से वहां से निकाला जा रहा है। वहीं भू-धंसाव की घटनाएं सामने आने के बाद जोशीमठ के लोगों में एनटीपीसी के खिलाफ नाराजगी है। लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी (NTPC) द्वारा किए गए ब्लास्ट से ही जोशीमठ Joshimath sinking तबाह हो रहा है।