उत्तराखंड उत्तरकाशीHill products can prevent malnutrition

पहाड़ में एक DM ऐसा भी..कोदा-झंगोरा-गहत से तैयार कराए स्वादिष्ट व्यंजन, लोगों को मिलेगा रोजगार

उत्तरकाशी में आयोजित हुआ पोषण मेला कई मायनों में बेहद खास रहा। मेले में पहाड़ के पारंपरिक अनाज से कई तरह के व्यंजन बनाए गए। तस्वीरें देखिए.

Malnutrition: Hill products can prevent malnutrition
Image: Hill products can prevent malnutrition (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: पहाड़ी व्यंजनों की बात ही अलग है। ये स्वाद में बेमिसाल हैं और पौष्टिकता से भरपूर भी। अब तो पहाड़ के अनाज के साथ खूब एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं। इनसे नए-नए व्यंजन बनाए जा रहे हैं, जिनका स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ गया है। कल तक जिस मोटे अनाज का इस्तेमाल सिर्फ गांवों तक सीमित था, अब वो अनाज रेस्टोरेंट्स-होटल्स मेन्यू की शान बन गया है। पहाड़ के उत्पादों को मंच देने की ऐसी ही शानदार कोशिश उत्तरकाशी में हो रही है। जहां गणतंत्र दिवस के मौके पर रिवर फ्रंट पार्क ज्ञानसू में पोषण मेले का आयोजन हुआ। इस शानदार आयोजन का श्रेय यहां के डीएम डॉ. आशीष चौहान को जाता है। जिन्होंने पारंपरिक कृषि उत्पादों को रोजगार से जोड़ने की मुहिम शुरू की है। इसी कड़ी में ज्ञानसू में बाल विकास विभाग के सहयोग से पोषण मेला आयोजित किया गया। जिसमें पहाड़ के पारंपरिक अनाज से अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए गए। आगे देखिए तस्वीरें

  • जरा ये तस्वीरें देख लीजिए

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    गहथ की दाल से हलुवा बना, टिक्की बनी। गहथ की कचौरियां भी बनाई गईं। मंडुवे से भी कई पकवान बनाए गए। मंडुवा-गहथ की कचौरी, मंडुवे का डोसा और समोसा लोगों को खूब पसंद आया। पहाड़ के लाल चावल के उत्पम ने भी खूब वाहवाही बटोरी।

  • ये स्वाद है निराला

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    इसके अलावा झंगोरे का हलवा, असका, चाट-खटाई जैसे कई पकवान बनाए गए थे, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा। डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि पौष्टिक पारंपरिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने और किसानों को इनका उचित दाम दिलाने के लिए कृषि उत्पादों को बाजार मुहैया कराना होगा।

  • स्वाद भी, रोजगार भी

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    पोषण मेले का आयोजन इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम है। पारंपरिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। उन्हें खेती-किसानी छोड़नी नहीं पड़ेगी। डीएम ने कहा कि आने वाले यात्रा सीजन में पहाड़ के अनाज से बने व्यंजन कई लोगों को रोजगार का मौका देंगे। किसानों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

  • ये कुछ खास है

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    राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने से जिले में पारंपरिक अनाजों की खेती को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल और मुख्य विकास अधिकारी पीसी डंडरियाल समेत जिले के कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।